मॉम सेक्स देसी हिंदी Xxx कहानी में मैंने अपनी मम्मी की वासना का इलाज करने के लिए उनके साथ सेक्स किया. मेरे बड़े लंड से मम्मी की चूत फट गयी.
हैलो फ्रेंड्स, मैं मयंक आपको अपनी विधवा मां की चुदाई की कहानी सुना रहा था.
कहानी के पहले भाग
मैंने विधवा माँ को फूफा जी से चुदती देखा
में अब तक आपने पढ़ा था कि मेरी मां मुझसे चुदने के लिए बेकरार हो गई थीं.
अब आगे देसी हिंदी Xxx कहानी:
मां की बात सुनकर मैंने जोर लगाकर पैंटी जांघों से नीचे कर दी.
वाह … क्या मखमली औऱ खुशबूदार चूत थी. मैं चूत देखकर उस पर टूट पड़ा.
दोनों हाथों से मम्मी के चूतड़ कसके पकड़ लिए जो कि मलाई जैसे थे.
मैं अपनी जीभ चूत की फांकों के बीच गहराई तक घुमाने लगा.
मम्मी- आह मयंक … क्या कर दिया तूने … आह मैं मर ना जाऊं आज … अह … उई मां.
मां की चूत गोरे रंग की और खुशबूदार थी. मैं जीभ चूत की गहराई तक घुमाने लगा.
मम्मी अपनी चूचियों को मसलती हुई बार बार चूत को मेरी ओर धकेल रही थीं.
मैंने एक उंगली से चूत को चोदना शुरू कर दिया औऱ साथ साथ चूत की फांकों को होंठों में दबाकर चूसता रहा.
लगभग दस मिनट की फ़िंगरिंग और चूत चटाई के बाद एकाएक मम्मी का शरीर अकड़ने लगा और उन्होंने मेरा सिर अपनी चूत पर तेजी से दबा लिया.
मां- आह मैं गई … अहा.
मम्मी तेजी से झड़ गईं.
मैंने चूत का सारा पानी पी लिया.
मम्मी की सांसें बहुत तेज चल रही थीं- हाय मैं तो गई आह रब्बा.
मैं उनकी चूत को लगातार चूसता रहा.
मम्मी ने अपने दोनों हाथों से अपना चेहरा ढक लिया.
मैंने मम्मी के हाथ उनके चेहरे से हटाकर मम्मी को पलंग से उठाया और कंधे पकड़कर अपने सामने नीच घुटनों पर बैठा लिया.
इस समय मेरा लंड पूरे उफान पर था.
मां ने सिहरते हुए मुँह खोला तो मैंने तुरन्त लंड मुँह में पेल दिया.
मम्मी मेरा लंड चूसने लगीं.
कुछ मिनट की लंड चुसाई के बाद मेरा लंड फूलने लगा और लोहे जैसा हो गया.
मम्मी के मुंह में लंड अब जा नहीं पा रहा था. मम्मी पीछे हटने लगीं.
तो मैंने जोश में कहा- अपना पानी तो निकाल लिया है अब मेरा लंड चूसकर मेरा भी पानी निकाल दो.
मम्मी- मयंक बेटा, मुझे माफ़ कर दे, तेरा लंड चूसना मेरे बस की बात नहीं है … ये बहुत बड़ा है. मेरे क्या किसी औरत या लड़क़ी के बस में नहीं है.
मैं फिर से उनके होंठों को चूसने लगा.
मम्मी भी फुल रिस्पांस देने लगी थीं.
मेरे हाथ इस समय मम्मी के दोनों चूतड़ मसल रहे थे. बड़े मुलायम चूतड़ थे.
मेरा गधे जैसा लंड मम्मी की मांसल चूत से रगड़ खा रहा था.
अचानक मम्मी ने मेरा लौड़ा पकड़ लिया औऱ उसकी खाल हटा कर सुपारे को तेजी से आगे पीछे करने लगीं.
मेरा लौड़ा फटने को हो रहा था.
मैंने एकदम से मम्मी को बेड पर गिरा दिया औऱ अपने लंबे मोटे लौड़े को मम्मी की गर्म चूत पर रगड़ने लगा.
मोटे लंड से चुदने के डर से मम्मी तुरंत पीछे को सरक गईं औऱ घुटने मोड़कर दीवार के सहारे बैठकर कहने लगीं- नहीं नहीं, ये नहीं हो सकता है. मां बेटे के बीच ये सब नहीं हो सकता है. ये पाप होगा. ये गलत है मयंक, तू पगला गया है, जो अपनी सगी मां के साथ ऐसा करने की सोच रहा है. भगवान कभी ऐसे बेटे को माफ़ नहीं करेगा.
मुझे चिड़िया जाल से निकलते दिखने लगी- ये कुछ नया नहीं है, मेरे कई दोस्त अपनी मां औऱ बहन को चोदते हैं. इसमें हर्ज़ क्या है. मुझे तुम्हारी चुदाई करनी है, तो बस करनी है.
मम्मी कहने लगीं- बेटा अब भी वक्त है, मुझे छोड़ दे, मैं अपने बेटे के साथ सेक्स कैसे कर सकती हूं.
मैं मम्मी के सामने खड़ा अपना मूसल समान लंड को हिला रहा था.
बचने की उम्मीद ना देखते हुए मम्मी बोलीं- तू चाहे तो अपना लंड चूत के ऊपर रगड़ कर अपना काम निपटा सकता है. लेकिन इस बात की गारंटी दे कि अन्दर नहीं डालेगा.
मैंने मना किया- अन्दर क्यों नहीं, क्या दिक्कत है?
मां- एक तो हम दोनों मां बेटा हैं, दूसरे औरत की चूत की गहराई इतनी ज्यादा नहीं होती है कि इस तरह का लंड अन्दर तक ले सके. तुम्हारा लंड मेरी बच्चेदानी को फाड़कर मेरी अंतड़ियां बाहर निकाल देगा. ये किसी भी लड़की की हालत खराब कर देगा. क्या तू मुझे मारना चाहता है?
मैं- क्यों फालतू की बकचोदी कर रही हो मम्मी. यदि ऐसा होता तो अफ्रीका के बड़े बड़े लंड वाले क्या हाथ से हिला कर औलादे पैदा करते हैं. उनके लंड तो गधे के लंड के जैसे होते हैं.
मम्मी मेरे सामने हाथ जोड़कर बोलीं- तू अपने मन की करके ही रहेगा. तू आज अपनी मां की चूत फाड़ना चाहता है, तो बेशक फाड़ दे.
मैंने लंड मम्मी की चूत की फांकों के बीच फंसा दिया, लेकिन मम्मी ने अपना शरीर टाइट किया हुआ था, जिससे लंड सैट नहीं हो रहा था.
मैंने जांघों को सख्ती से फैलाया और लंड का टॉप चूत में घुसेड़ दिया.
मम्मी- आह मर गयी … बहुत मोटा है … निकाल ले बाहर मयंक.
मैं क़मर हिलाकर मम्मी की चूत चोदने लगा.
अभी मैं सिर्फ़ 4 इंच लंड से चोद रहा था.
मैंने दस मिनट चोदने के बाद लंड को ज्यादा घुसाने की कोशिश की तो मम्मी ने अपने हाथ मेरे पेट पर अड़ा दिए ताकि मैं ज़्यादा ना घुसा सकूं.
मम्मी बोलीं- मैं इससे ज्यादा सह नहीं पाऊंगी.
मैंने कहा- ठीक है, चिंता मत करो.
तब मैंने मम्मी को बेड पर ऊपर को सरकाया और उनके ऊपर पोजीशन बना ली.
मैंने अपने हाथ मम्मी की चूचियों के बगल में बेड पर टिकाए और पैर बेड के किनारे रखकर पंजों व हाथों पर बॉडी का बैलेंस बना लिया, फिर कूल्हे हिलाकर चूत के मुंह पर लंड सैट करके एक धक्का दे दिया.
मेरा लंड चूत को चीरता हुआ 5 इंच अन्दर सरक गया.
मम्मी- आह ह … मर गई आज तो मैं!
मैंने अपना मुँह मम्मी के होंठों पर जमा दिया और उनकी चीख को बंद करके अपनी चुदाई की तरफ ध्यान दिया.
मैं धकापेल चोदने लगा.
इस पोजीशन में करीब दस मिनट चोदने के बाद मेरा मन पूरा लंड अन्दर ड़ालने को हो रहा था लेकिन मम्मी ने अपने दोनों हाथ मेरे पेट पर कसके अड़ा रखे थे.
तभी अचानक मम्मी हिलीं और मेरे शरीर का बैलंस बिगड़ गया. मेरा पूरा भार मम्मी के ऊपर आने से जो लंड चूत से बाहर था, सीधे चूत को फाड़ता हुआ अन्दर सरक गया.
मम्मी छटपटाने लगीं, उनकी आंखें बाहर आ गईं और मुँह खुल गया.
उनके मुँह से आवाज नहीं निकल रही थी. पूरा लंड घुस जाने से मुझे बड़ा सुकून मिला.
मैंने आव देखा ना ताव और मम्मी की चूत फाड़ने लगा; मैंने ताबड़तोड़ धक्के लगाने स्टार्ट कर दिए.
मम्मी मेरा लंड झेल नहीं पा रही थीं औऱ उनकी आंखें फ़ैल गई थीं.
मैं चोदने में मस्त था, तभी मैंने मम्मी के होंठ चूसना चाहे, तो मुझे कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला.
मैंने गौर से देखा तो मम्मी बेहोश हो चुकी थीं.
मैं रुक गया औऱ लंड की ओर देखा. मेरा पूरा लंड चूत के अन्दर था औऱ मम्मी की चूत लंड के चारों और टाइट चिपकी हुई थी. देखने से लग रहा था कि चूत फट जाएगी.
मैंने लंड बाहर खींचा तो पाया कि लंड खून से भीगा हुआ था.
मैं सोच में पड़ गया कि 45 साल की औरत की चूत से खून कैसे आया.
शायद मेरे लंड से चूत जख्मी हो चुकी थी.
मैंने सोचा कि कुछ भी हो जाए, आज इस चूत को फाड़ कर ही रहूँगा. मैंने पास रखे जग से पानी लेकर मम्मी के मुंह पर डाला.
मम्मी होश में आ गईं औऱ कराहने लगीं- मयंक मत कर बेटा, मेरी जान निकल जाएगी आज, तेरा ये बहुत बड़ा और मोटा है.
मैं- मम्मी मेरे लंड ने आपकी चूत में अब जगह बना ली है, अब आपको बाहर लंड नहीं ढूंढना पड़ेगा.
मैंने फिर से लंड चूत की फांकों में फंसा दिया और मम्मी की गोरी गोरी चूचियां चूसने लगा.
मम्मी को कराहना बंद नहीं हो रहा था.
बिना परवाह किए मैंने एक ही झटके में अपना समूचा लंड मम्मी की चूत में उतार दिया.
मेरा लंड बहुत टाइट जा रहा गया था.
इससे ये तो क्लियर हो गया था कि मम्मी ने ज्यादा सेक्स नहीं किया था.
मम्मी फिर से छटपटाने लगीं.
लेकिन मैं अब कहां रूकने वाला था … मैंने ताबड़तोड़ चुदाई शुरू कर दी.
प्रति मिनट 40-50 धक्के चूत पर लग रहे थे. पूरे कमरे में मम्मी की चीखें गूंज रही थीं.
काफी देर तक चोदने के बाद मैंने लंड बाहर निकाला औऱ उछल कर मम्मी की छाती पर दोनों तरफ़ टांग करके बैठ गया.
मैं लंड मम्मी के होंठों पर लगाने लगा.
मम्मी आधी बेहोशी में थीं, लंड देखकर हाथ जोड़ती हुई बोलीं- इसमें खून कहां से लगा?
मैं बोला कि ये हमारी सुहागरात की निशानी है.
ये कहकर मैंने लंड मुँह में घुसा दिया.
मम्मी गों गों करने लगीं.
मैं उनका मुँह चोदने लगा.
तभी मम्मी ने पूरी ताकत से मुझे पीछे धकेल दिया.
मैं मम्मी की टांगों के बीच आ गया औऱ लंड पकड़कर चूत पर लगाने लगा.
लेकिन मम्मी औऱ चुदने को तैयार नहीं थीं, वो बोली- मयंक काफी देर से मुझे चोद रहा है, अब बस कर. देख तूने चूत का क्या हाल कर दिया है, खून भी बह रहा है. मुझसे अब और नहीं होगा.
मैंने ग़ुस्से से कहा- लंड तो औरतों की चूत का गहना होता है. बिना लंड के चूत मुरझा जाती है. आज तो तुम्हें मेरे लंड को ठंडा करना ही पड़ेगा. चलो सीधी हो जाओ.
मम्मी लड़खड़ाती हुई बेड से खड़ी हो गईं और मेरे विकराल लंड को देखते हुए बोलीं- ये घोड़े का लंड है, कोई औरत नहीं ले पाएगी. किसी भी मर्द का लंड 6 इंच से बड़ा नहीं होता, तेरा न जाने कहां से इतना बड़ा हो गया?
मैंने हंस कर कहा- पापा की गैरमौजूदगी में किसी अफ्रीकन से चुदवा लिया होगा आपने. अब बकवास मत करो औऱ जल्दी से मेरा लंड ठंडा करो.
मम्मी कुछ नहीं बोलीं.
मैंने तुरन्त मम्मी को पीछे बेड पर धकेला और जैसे ही वो बेड पर गिरीं, मैंने उनकी दोनों जांघों के नीचे से हाथ निकालकर उनके चूतड़ों पर ग्रिप बना ली. उन्हें हवा में गोद में उठा लिया.
मम्मी सकपका गईं और बोलीं- अब क्या करना चाहते हो?
मैंने एक हाथ नीचे ले जाकर अपने लंड को चूत की दिशा दी औऱ मम्मी को थोड़ा नीचे आने दिया. मेरा लंड मम्मी की चूत में फंस गया.
अब मैंने मम्मी को ऐसे ही ड्रेसिंग टेबिल के सामने लेकर खड़ा हो गया औऱ मम्मी के कूल्हे सख्ती से पकड़कर अपने लंड पर उछाल उछाल कर उन्हें चोदने लगा.
ठपा ठप ठपा ठप लंड चूत के अन्दर बाहर बोरिंग कर रहा था और चूत से रस निकल कर फर्श पर टपक रहा था.
मम्मी चिल्लाये जा रही थीं लेकिन मुझ पर कोई असर नहीं हो रहा था.
मैं चोदने में मस्त था.
मम्मी ने दोनों बांहें मेरी गर्दन में लपेट रखी थीं और वो मेरे बड़े लंड से चुदने का मजा ले रही थीं.
मैंने हवा में मम्मी को घर के हर कोने में ले जाकर चोदा.
अंत में मैं उन्हें गेट के पास लेकर पहुंचा.
मम्मी बोलीं- क्यों मुझे बदनाम करने में लगा है … थका नहीं तू … मैं बर्दाश्त नहीं कर पा रही हूं.
मैंने गेट के पास मम्मी को दस मिनट इसी पोजीशन में जबरदस्त तरीके से चोदना जारी रखा.
फ़िर मम्मी को नीचे उतारा औऱ खींच कर हॉल में ले गया.
मम्मी को डाइनिंग टेबल पर झुका दिया ओर पीछे से चूत में लंड एक ही धक्के में सरका दिया.
मम्मी की तेज चीख़ निकल गई.
मैं मम्मी के बाल पकड़कर खतरनाक तरीके से चोदने लगा.
अचानक मेरी नसें गर्म होने लगीं, जिससे मम्मी तुरन्त भांप गईं कि मेरा निकलने वाला है.
मम्मी बोलीं- मयंक बाहर झाड़ियो, अन्दर नहीं, यदि एक बूंद भी अन्दर गिरी तो मैं प्रेग्नेंट हो जाऊंगी. जल्दी निकाल बाहर.
लेकिन मैंने धक्के औऱ तेज कर दिए. मैं लंबे लंबे धक्के लगाने लगा.
मम्मी चिल्ला रही थीं.
डॉगी स्टायल में चोदते हुए मैंने जड़ तक लंड चूत में घुसा दिया और पचर फ़चर चूत में झड़ने लगा.
‘आह आह मम्मी मेरा हो गया!’ ये बोलते हुए मम्मी की पीठ पर ढेर गया.
मैं हांफ रहा था औऱ मम्मी लंड बाहर निकलने की कोशिश कर रही थीं.
कुछ मिनट बाद मैंने लंड चूत से बाहर निकाला, तो देखा कि मम्मी की चूत से वीर्य और खून का मिक्स टपक रहा था.
मम्मी ऐसे ही पड़ी अपनी सांसें नियंत्रित करती रहीं.
मैंने मम्मी का नंगा शरीर गोद में उठाया औऱ बेड पर ले गया.
मैं उन्हें लिटा कर उनके बराबर में लेट गया.
मम्मी लगातार कराह रही थीं और मुझे चूम रही थीं.
फिर न जाने कब मेरी आंख लगी और मैं सो गया. मम्मी भी मेरे साथ नंगी चिपक कर सो गई थीं.
आगे क्या हुआ दोस्तो, वो अगली स्टोरी में बताऊंगा.
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