लूडो का खेल चुदाई में तब्दील हो गया- 5

कुवारी लड़की की पहली चुदाई का मजा लिया मैंने अपनी कुलीग को लूडो के खेल के बहाने नंगी करके! खेल खेल में हम दोनों नंगे हो गये और सेक्स में लीन हो गए.

हैलो फ्रेंड्स, मैं रॉकी आपका अपनी कुंवारी गर्लफ्रेंड की चुदाई की कहानी में एक बार फिर से स्वागत करता हूँ.
कहानी के पिछले भाग
रूममेट लड़की को लंड पकड़ा दिया
में अब तक आपने पढ़ा था कि मैंने लंड चुत में ठांस दिया था और वो अकबकाती हुई मेरे लंड से मुक्ति पाने की कोशिश कर रही थी.

अब आगे कुवारी लड़की की पहली चुदाई:

अब मैं उसे किस करते हुए सहलाने लगा, वो कराह रही थी.
‘ऊंह.. ऊंह… आह ह ह … गुह गूं.’

मैंने लंड को थोड़ा पीछे किया और एक झटका फिर से लगा दिया.

इस बार लंड पूरा अन्दर समा गया.
उसने फिर चीख मारी ‘आह … मर गई … फाड़ दी साले ने आह … ओह्ह …’

उसकी चीख अभी और आगे बढ़ती, मैंने उसके मुँह को फिर से दबा दिया और उसकी आवाज उसके मुँह में ही दब कर रह गयी.
मैंने उसका एक हाथ छोड़ दिया और उसका स्तन सहलाने लगा.

मुँह खुलते ही उसने बोला- आह ह ह … बस अब और नहीं करना … बहुत दर्द हो रहा है.
इस बार झटका लगाने से पहले मैंने उसके मुँह पर हाथ रख लिया और लंड को पीछे को खींच कर फिर से एक बार अन्दर किया.

इस बार लंड अन्दर जाते ही उसे तेज दर्द हुआ- उमम्म … तुम मानते क्यों नहीं हो … मम्म … अह.
उसके नाखून मेरे पीठ पर गढ़ गए. वो छुड़ाने के लिए कोशिश करने लगी, पर कोई फायदा नहीं.

मैंने फिर एक बार लंड को बाहर निकाल कर झटका लगाया.

‘आह हह हह हह …’

इस बीच मैं उसे लगातार किस करता जा रहा था और सहलाता जा रहा था.

कुछ देर में उसकी आवाज शांत हो गयी.
मेरे लगातार लगते झटकों पर वो बस कराह रही थी ‘आह … आह … आह …’

कुछ पल बाद उसका शरीर अकड़ने लगा, उसने मुझे अपने ऊपर दबा लिया.
मैं लगातार लंड अन्दर-बाहर किए जा रहा था.

वो लगातार मुझे दबोच रही थी.
मैं लंड अन्दर बाहर किए जा रहा था.

अचानक उसकी सांस गहरी होने लगी और उसके नाखून मेरी पीठ पर धंस गए.

उसने कमर को हवा में उठा लिया, मैंने धक्के तेज कर दिए.
कुछ ही पल में एक लंबी कराह के साथ ‘आह ह ह ह … अअ … अअ …’ उसकी चूत से रस बहने लगा.

मैंने हांफते हुए उसकी ओर देखा, हम दोनों ही पसीने से भीगे हुए थे.
लंड को चूत में ही रख मैं उसके पर गिर गया और उसे किस करता हुआ उसके बगल में लेट गया.

मैंने लेटकर उसे अपने ऊपर खींच कर लेटा लिया और बांहों में भरकर खामोशी से लेटा रहा.

उसकी तेज तेज चलती सांसें मुझे बड़ा सुकून दे रही थीं.

हम दोनों दस मिनट तक ऐसे ही लेटे रहे.
मेरा लंड उसकी चूत में ही सिकुड़ कर बाहर आ गया था.

अब मैं उठ गया.
मैंने देखा उसकी चूत की हालत बहुत बुरी हो गयी थी.
चूत पर खून लगा था और रस भी बाहर आ रहा था.

वो उठी तो उसकी चूत में जलन हो रही थी. बड़ी मुश्किल से बाथरूम में गयी और चूत को साफ किया.
मैंने इसमें उसकी मदद की. बाहर आकर मैं बेड पर बैठ गया.

वो धीरे से चलते हुए आयी और बेड पर आकर लेट गयी.
लेटे हुए मैंने उसकी चूत में हाथ लगाया तो वो अभी भी बह रही थी.

मैं ठीक उसके पीछे लेट गया और उसे बांहों में भरकर प्यार करने लगा.

मैं पीछे लेट उसकी गर्दन व कंधे चूम रहा था और स्तन दबा रहा था.
मैं कभी उसकी गांड दबाता तो कभी उसके शरीर पर हाथ फिरा कर पेट को सहलाता.

इस बीच मेरा लंड फिर से तैयार होकर तन गया था.
मैंने उसे टिका उसकी जांघों के बीच फंसा दिया और आगे पीछे करने लगा.

लंड महसूस होते ही उसने अपना हाथ चूत और लंड के ऊपर रख लिया और सहलाने लगी.

उसकी सांसें फिर से गहरी होने लगीं ‘आह … उह … आह …ह.’

तभी मैंने उंगलियों से उसकी चूत की फांकों को फैलाया और लंड को टिकाकर अग्र भाग अन्दर डाला.
लंड महसूस होते ही वो झटके के साथ उठी और बैठ गयी.

उसे अचानक से उठता देख मैं भी उठा और पूछा- क्या हुआ?
वो बोली- कुछ नहीं.

‘क्या हुआ, नहीं करूं?’
मैंने फिर पूछा, उसने कहा- ऐसा नहीं है … पर दर्द होगा.

मैंने कहा- अब नहीं होगा, पहले जितना नहीं होगा.
उसने कुछ सोचा, पर उससे पहले ही मैंने उसे अपनी तरफ घुमा लिया, उसके होंठों पर किस कर दिया.

मैं घुटनों के बल बैठ गया और उसकी गांड को पकड़ ऊपर लाते हुए लंड पर बैठा दिया.

उसकी आंखों में देखा और चेहरा हाथ में भरते हुए उसके होंठों पर फिर एक किस कर दी.

मैंने एक किस उसके गाल पर और एक किस आंखों पर भी की, फिर उसे बांहों में भरके गले से लगा लिया.

थोड़ी देर में पीछे को हटते हुए उसे कमर से पकड़ा और हंसकर कहा- अब तो टॉप उतार दे.
उसने थोड़ा सोचा, फिर हंस दी.

तभी उसने अपनी बाजू क्रॉस की और टॉप के निचले किनारों को पकड़ टॉप ऊपर को उठा दिया.
जैसे ही उसका टॉप चेहरे पर होंठों से ऊपर निकला, मैंने कमर में बाजू भर कर उसे कस लिया और होंठों पर होंठ रख किस किया.

जैसे ही मेरे होंठ उसके होंठों को छुए, उसकी टॉप निकालने की गति मंद पड़ गयी.
वो भी किस का जवाब देने लगी.

करीब पांच मिनट तक किस होने के बाद हम अलग हुए, तो टॉप अभी भी उसकी आंखों पर ही जहां रुका था, वहीं था.
हमारी किस से बनी लार की धार दोनों के होंठों को जोड़ रही थी.

हम दोनों के अलग होने से वो भी छिटक कर टूट गयी.
मैंने उसके साथ हाथ लगा कर उसका टॉप अलग किया और एक बार फिर किस किया.

कभी हम एक दूसरे का ऊपर का होंठ चूसते, तो कभी नीचे का.
मैं उसके स्तन दबाने लगा.

किस से अलग होकर मैं उसके कंधे पर चूमने लगा और वहां से चूमते हुए नीचे स्तनों तक आ गया.

उसके निप्पल कड़क होने लगे थे, मैंने एक स्तन को मुँह में भर लिया और एक को हाथ से दबाया.
उसने मुझे सर पर हाथ रख अपनी छाती पर दबा लिया.

मैं ओर जोर से उसके स्तन चूसने लगा. उसकी चूत भीगने लगी थी.
मेरे लंड पर चूत रख वो आगे पीछे सहलाने लगी.

मैं इसी तरह बैठा हुआ पीछे को लेट गया और उसकी गांड को दबा ऊपर को उठाना चाहा.
मेरा इशारा पाते ही वो ऊपर उठी.

उसे पोजीशन पर लाकर मैंने लंड को चूत पर टिकाया.
सही जगह लंड टिकाते ही मैंने उसे कमर से पकड़ नीचे बैठने का इशारा किया.
वो धीरे धीरे नीचे बैठने लगी.

अभी थोड़ा ही लंड अन्दर गया था कि उसे दर्द होने लगा.
‘आह … अह …’

वो फिर ऊपर को उठी और दोबारा कोशिश की.
मैं इसमें उसकी मदद कर रहा था.

जैसे जैसे लंड अन्दर जा रहा था, मैं उसकी चुत को सहलाता रहा था.

हर इंच के साथ उसके भाव बदल रहे थे हर बार जैसे ही थोड़ा लंड अन्दर जाता, वो आंह करके तुरंत ऊपर हो जाती.

कई बार उसने ऐसा ही किया.

इस बार जैसे ही उसने चूत को लंड पर टिकाया और नीचे को बैठने की कोशिश की. तभी मैंने उसे कमर से पकड़ा और नीचे से एक जोर का झटका उसकी चूत में लगा दिया.

इस अचानक झटके से लंड उसके अन्दर चला गया, वो चीख उठी ‘आह … उह … रुक जा कमीन … आह …’

मैंने एक हाथ उसके मुँह पर रखा और दूसरे से उसकी चूत के दाने को सहलाया.
फिर से एक झटका लगाया और लंड पूरा चूत में जा चुका था.

‘उऊं … ऊऊह …’
वो कराहने लगी.

मैंने उसे पकड़ अपने ऊपर लेटा लिया और उसकी गांड पकड़ ऊपर को उठा दी.

फिर मैंने धीरे धीरे लंड अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया. कुवारी लड़की की पहली चुदाई शुरू हो चुकी थी.

जैसे ही लंड अन्दर जाता, उसकी ‘आह … अह …’ निकलती और बाहर आने पर वो ‘अम्म्म … ओह्ह …’ कराहती.
मैंने नीचे से झटके तेज कर दिए और हर झटके के साथ ‘आह .. आह …’ वो कमर हिला देती.

कुछ देर ऐसे ही धक्के मारने के बाद मैंने चूमते हुए उससे पूछा- दर्द हो रहा है?
उसने न में सर हिलाते हुए जवाब दिया. उसके होंठों पर हल्की सी स्माइल भी थी.

ये देख कर मैंने उसे उठाया और ऊपर नीचे होने को कहा.
वो ऐसा करने लगी.

उसके उछलने से उसके स्तन भी गेंद की भांति उछलने लगे.
वो अपने हाथ मेरी छाती पर हाथ रख कर मजे लेने लगी. फिर उसने अपने आपको मेरे ऊपर झुकाया और कुछ तेजी से आगे पीछे होने लगी.

हम दोनों को ही मजा आ रहा था.
मैं उसके उछलते हुए स्तन पकड़ दबाने लगा, उसके कड़क हो चुके निप्पल को पकड़ कर खींचने लगा.
उसने नीचे झुकते हुए मुझे किस किया और तेज तेज झटके लगाने लगी.

कुछ देर में वो थकने लगी थी.
मैंने उठते हुए उसे थामा और उसकी गांड को पकड़ धीरे धीरे ऊपर नीचे होने में मदद करने लगा.

उसने मुझे कस कर बांहों में जकड़ लिया और लिपट गयी.
कुछ देर में मैंने उसे पोजीशन बदलने के लिए कहा. वो मुझे देखते हुए गोद से नीचे उतर गई.

मैंने उसे घुमा दिया और घुटनों के बल खड़ा कर दिया.
अपने हाथों से उसकी जांघों को पकड़ कर थोड़ा खोला और उसके नीचे को आ गया.
उसे पीछे से जकड़ कर सहलाने लगा. कभी मैं उसके पेट पर मसलता, तो कभी उसके स्तन पकड़ कर दबा देता.

मैंने उसे चेहरे को पकड़ा और पीछे से एक किस कर दिया. अपने हाथ नीचे ले जाकर उसकी चूत सहलाने लगा.

जब वो गर्म होने लगी, तो मैंने लंड को पकड़ कर चूत पर टिकाना चाहा.
कुछ पल लंड को चूत पर रगड़ने के बाद मैंने उसे कमर से पकड़ा और एक झटका लगा दिया.

‘आह … हहह …’ वो झटके के साथ ही उछल पड़ी और लंड बाहर आ गया.

एक बार फिर से लंड को चूत पर लगाया, पर इस बार उसे बाजू के नीचे से होते हुए उसके कंधे थाम लिए और एक जोर का झटका लगाया.

‘आम्म्म … ओह … ऊंह …’
वो उछलने को हुई मगर मैंने उसे थामे रखा.

लंड को बाहर लाते हुए फिर से एक झटका लगाया.
वो कराही.

मैं बार बार लंड अन्दर बाहर करता रहा, उसे कुछ देर दर्द महसूस हुआ, फिर सब कुछ नार्मल हो गया.

अब वो भी अपनी गांड उछालकर साथ देने लगी. मैंने उसे छोड़ दिया और उसके स्तनों को दबाने लगा.

उसकी चूत लगातार बह रही थी और लंड के अन्दर बाहर होने से फच फच की आवाज आने लगी थी.

वो थकने लगी, पर फिर भी वो चूत ऊपर नीचे कर रही थी.
मैं नीचे घुटने के बल बैठा, उसकी कमर को पकड़ मदद कर रहा था.

जब वो थक गई तो मैंने उसे ऊपर को उठाया और नीचे से धक्के लगाने लगा.

कुछ ही पलों बाद हम दोनों ही अपने अंतिम चरण में आ गए थे, तो कोई रुकना नहीं चाहता था.

मैंने भी धक्के तेज कर दिए. कुछ ही पल में हम दोनों के शरीर अकड़ने लगे.
हम दोनों ने एक दूसरे को कस कर पकड़ लिया और किस करने लगे.

मैंने उसके स्तन थाम लिए और भींच दिए.
उसे दर्द भी हुआ पर हम जोश में थे, तो वो दर्द हवा हो गया.

अचानक से एक तेज ‘आह अअअअअ हहह …’ के साथ उसकी चूत से रस बह निकला, वो निढाल हो गई.

वो झुक कर घोड़ी बन गई और मैं अभी भी लंड अन्दर बाहर कर रहा था.
मैंने उसकी कमर पकड़ी ओर जोर से धक्के लगाने लगा.

करीब पांच मिनट में मैं भी एक तेज झटके के साथ झड़ गया.

मेरे रुकते ही वो बेड पर गिर पड़ी और गहरी सांसें लेने लगी.
मैं भी लंड उसकी गांड की दरार में फंसाते हुए उसके ऊपर लेट गया.

कुछ देर बाद मैं उठा और एक तरफ को होकर लेट गया.
वो भी सीधी होकर लेट गई.

मैं उसकी चुत में उंगली कर सहलाने लगा. उसकी चूत से अभी भी रस बह रहा था, जिसे मैंने जीभ से चाट कर साफ किया.

अब हमारी रूममेट के आने का समय हो चला था, तो मैं उठकर खुद को साफ करने लगा और बाथरूम में घुस गया.
वो भी उठकर बाथरूम में चली आयी और खुद को साफ करने लगी.

वहां भी एक छोटा सा राउंड चला और हम दोनों नहाकर बाहर आ गए.
एक छोटा सा किस और किया, जिसे दरवाजे की घंटी ने तोड़ दिया.

मैं दरवाजा खोलने चल पड़ा. वो मुस्कुराती हुई मुझे हवा में चुम्मा उछलने लगी.

तो ये था मेरा चुदाई का पहला अनुभव. उम्मीद है, आपको कुवारी लड़की की पहली चुदाई कहानी पसंद आई होगी.

मेरे ईमेल पते पर अपने सुझाव मुझे जरूर भेजें.
[email protected]