काम वाली की बहन ने दिया अपनी चूत का सुख

जवान लड़की की देसी चुदाई का मजा मुझे दिया मेरी घरेलू नौकरानी की बहन ने. उसने खुद से अपनी बहन को कह कर मेरे साथ सेक्स करने की इच्छा जताई थी.

आप सभी ने मेरी पहली कहानी
कामवाली गर्लफ्रेंड हो गई प्रेगनेंट
को खूब पसंद किया।
और अब मैं उस कहानी को आगे बढ़ाते हुए यह जवान लड़की की देसी चुदाई कहानी लिख रहा हूँ।
इसे भी प्यार दीजिएगा।

मेरा नाम वेदांत है और मैं छत्तीसगढ़ का रहने वाला हूं।
मेरी उम्र 20 साल है और मैं लंबा चौड़ा नौजवान लड़का हूं।
मेरे लौड़े का साइज 7.5 इंच है और 3 इंच मोटा है।

मैं कॉलेज में बी एस सी के दूसरे साल की पढ़ाई कर रहा हूं।

मैंने आपको बताया कि कैसे मैंने अपनी कामवाली को गर्लफ्रेंड बनाकर चोदा।
अगर आपने पिछली कहानी नहीं पढ़ी तो पहले आप उसे पढ़ लें ताकि यह कहानी आपको अच्छी तरह से समझ में आए।

इस कहानी में मैं आपको बताऊंगा कि कैसे मैंने अपनी कामवाली की बहन को चोदा।
तो चलिए शुरू करते हैं।

हमारे पहली बार सेक्स किए हुए करीब 3 महीने गुजर चुके थे।
और इन 3 महीने में हमने 13-14 बार सेक्स किया।
हमें जब भी मौका मिलता हम दोनों सेक्स किया करते।

मेरी कामवाली गर्लफ्रेंड एक रण्डी बन गई थी, वह सेक्स के बिना एक हफ्ते भी नहीं रह पाती थी।
हमने घर के हर एक कोने में सेक्स किया था।

एक बार तन्नू ने सेक्स के लिए मुझे अपने घर बुलाया था।
हमने उसके घर में सेक्स किया।

लेकिन यह बात तन्नू की बहन को पता चल गई।
पहले तो उसकी बहन ने उसको बहुत डांटा और कहा कि वह यह बात सबको बता देगी।
तन्नू यह बात सुनकर डर गई और उसने माफी मांगी।

तब तन्नू की बहन ने उससे मेरे बारे में पूछा.
तन्नू ने उसे बताया कि मेरा लण्ड बहुत बड़ा और मोटा है.
तब उसकी बहन ने कहा अगर मैं उसे एक बार चोद दूँ तो वह यह बात किसी को नहीं बताएगी।

मैं आपको तन्नू की बहन से रुबरु करवाता हूं।

तन्नू की बहन का नाम रोज़ी है।
वह 22 साल की जवान और हसीन लड़की है। तन्नू से ज्यादा सुंदर, आकर्षक और गोरी चिट्टी है।
उसके बूब्स सुडौल, गोल गान्ड और स्लिम ट्रिम बॉडी है।
कोई भी लड़का उसे चोदने के लिए तुरंत तैयार हो जाएगा।

उसकी शादी अगले साल होने वाली है।

जब तन्नू ने मुझे यह बात बताई तो पहले मैं थोड़ा घबरा गया.
लेकिन बाद में जब मेरे को यह बात पता चली कि वो मुझसे चुदवाना चाहती है तो मैं खुश हो गया।

मैं भी रोज़ी को चोदना चाहता था लेकिन मैंने यह कभी नहीं सोचा था कि वह खुद ही सेक्स करने के लिए बोलेगी।

अब मेरी ओर रोज़ी की बात होने लग गई।
उसने मेरे लण्ड को फोटो मांगी।
मेरे लण्ड की फोटो देख कर वह उत्साहित होने लगी।

अब हम दोनों सेक्स करने के लिए बेताब हो रहे थे।
लेकिन हमें कोई मौका ही नहीं मिल रहा था।

आखिरकार हमें एक मौका मिला।
मेरे पेरेंट्स को 2 दिन के लिए रायपुर जाना था।
आधा रास्ता साफ था लेकिन मेरे भाई को भी घर से बाहर जाना जरूरी था।

मैंने एक प्लान बनाया और अपने भाई को भी अपने पेरेंट्स के साथ भेजने को मना लिया।
अब रास्ता बिलकुल साफ था।

मैंने रोज़ी को घर बुलाया।
वह घर का काम करने के बहाने से मेरे घर आ गई।
यह बात तन्नू को भी पता थी।

रोज़ी ने सारे काम निपटा लिए, फिर वह मेरे कमरे में आई।
उसने बैगनी कुर्ती और काली जींस पहनी थी।

इन कपड़ों में वह हीरोइन जैसी खूबसूरत लग रही थी।
मैं उसको देखता ही रह गया।

उसने मुझसे कहा- जैसे तुम और तन्नू सेक्स करते हो, वैसे ही उसके साथ भी सेक्स करो।

मैं तो बिल्कुल तैयार था।
हमने चुम्बन करना शुरू किया।

वाह! रोज़ी के होठ तो तन्नू से भी ज्यादा रसीले थे।
मुझे आज तक वो दिन याद है।
रोज़ी बिल्कुल एक्सपर्ट की तरह किस कर रही थी।

हम दोनों गर्म होने लगे थे।

मैंने उसकी कुर्ती उतार दी।
उसने नीली ब्रा पहनी हुई थी जिसमें गुलाबी दिल बने हुए थे।
नीले रंग ने उसके गोरे बदन में चार चांद लगा दिये थे।

फिर मैंने उसको बिस्तर पर लिटा दिया और उसके ऊपर चढ़ कर उसको चूमना चाटना चालू किया।
मैं चूमते हुए उसके माथे से लेकर नाभि तक पहुंच गया।

उसको बहुत मजा आ रहा था।
अब वह मेरे को पलट कर मेरे ऊपर आ गई।
उसने मेरा शर्ट निकाल दिया और मेरी छाती को चूमने लगी।

वह धीरे से मेरे निप्पल को भी काटती जिससे मुझे बहुत मज़ा आता।
हम दोनों एक दूसरे को पागलों जैसे चूम रहे थे।

मैंने करवट बदल ली और अब रोज़ी नीचे और मै ऊपर हो गया। मैंने उसकी ओर अपनी दोनों की जींस उतार दी.

उसने ब्रा से मैचिंग पैंटी पहनी थी जिसमें वह हूर की परी लग रही थी।
मैंने अब ब्रा के ऊपर उसके सुडौल बूब्स को दबाना चालू किया।

इतना मुलायम एहसास मुझे कभी नहीं हुआ।

मैंने उसजवान लड़की की देसी चुदाई के लिए नंगी कर दिया।
उसके बूब्स बिलकुल सफेद थे।

अब वह बिल्कुल नंगी लेटी थी; उसके सफेद चूचे और गुलाबी सी चूत मेरे सामने थे।

मैंने उसके बूब्स को दबाना शुरू किया।
मैं एक चूचे को चूसता और दूसरे को मसलता।

मेरे दूसरे हाथ की उंगली उसकी चूत में थी, वह मजे से मचल रही थी।

मैंने यह काम 20 मिनट तक किया।
फिर उसने मेरी चड्डी उतार दी।

मेरा 7 इंच का लौड़ा उसके सामने था।
वह बोली- यार, ये तो बहुत बड़ा है. मैंने इतना बड़ा लण्ड कभी नहीं देखा।

तभी वह घुटने टेक कर बैठ गई और उसने मेरा लण्ड मुंह में ले लिया।
वह जोर जोर से चूस रही थी।
रोज़ी इसमें माहिर थी।

तन्नू ने मेरा बहुत बार मुंह में लिया है लेकिन ऐसा मजा मुझे आज तक नहीं मिला था।

करीब 15-20 मिनट की चुसाई के बाद में उसके मुंह में झड़ गया।

रोज़ी ने दुबारा मेरा लण्ड खड़ा किया ताकि हम सेक्स कर सकें।

मेरा लौड़ा उसकी चूत में घुसने के लिए तैयार था।
हमने पोजिशन ली.
वह सीधे लेट गई और उसकी चूत मेरे लण्ड के सामने थी।

मैंने अपने लण्ड के टोपे में थूक लगाया और रोज़ी की चूत में घुसाने लग गया।
तब मैंने पहला धक्का लगाया और मेरा आधा लण्ड एक बार में ही घुस गया।
दूसरे धक्के में पूरा का पूरा लण्ड उसकी चूत में घुस गया।

मैंने उससे पूछा- तुमने कितने बार अपनी चूत मरवाई है?
रोज़ी ने बताया कि वह एक हफ्ते में कम से कम 4 बार मरवाती है।

यह सुनकर मैं हैरान हुआ।
मैं बोला- तुम तो पूरी रण्डी हो।

इस बात पर वह हंस पड़ी और बोली- मैं किसी भी मर्द के साथ नहीं सोती। तुम तीसरे लड़के हो जिसने मेरी चूत का स्वाद चखा है. तुमसे पहले मेरे एक्स बॉयफ्रेंड ने और मेरे होने वाले पति ने मेरी चुदाई करी है।

अब मैंने अपना लण्ड अंदर बाहर करना शुरू किया।
धीरे धीरे मेरी स्पीड बढ़ते जा रही थी और रोज़ी को अनंत सुख मिल रहा था।
वह गान्ड उठा उठा कर पेलवा रही थी।

मैं अपने फुल स्पीड से उसकी चूत मार रहा था और हाथों से उसके गोल सफेद चूचे दबा रहा था।

उसके चूचे लाल हो गए.
रोज़ी की ‘आह! आह! उह्ह! उम्ह्ह! ओह! उह्ह्ह! उई!’ जैसी मादक सिसकारियां पूरे कमरे में गूंज उठी।

वह बोल रही थी- और चोदो मुझे … और जोर से चोदो … इतना बड़ा लण्ड मैंने कभी नहीं लिया।
रोज़ी मजे से मचल रही थी।

मैं भी रोज़ी को खूब चोद रहा था।

रोज़ी तन्नू से भी बड़ी चुदक्कड़ होगी … यह मैंने नहीं सोचा था।

हमने काफी देर तक ऐसी बेइंतहा चुदाई करी कि पलंग से चर चर आवाज आने लगी।

अब मैं झड़ने वाला था, मैंने उससे पूछा कि मैं अपना माल अंदर निकाल दूँ या बाहर?
तो रोज़ी ने कहा- बाहर निकालो।

रोज़ी ने घुटने टेके और मेरा लण्ड मुंह में भर लिया और चूसने लगी।

कुछ देर बाद मैंने उसके बूब्स और मुंह पर वीर्य की पिचकारी मारी।

ऐसी ताबड़तोड़ घपाघप से हम दोनों थक कर चूर हो गए।
हम इसी हालत में लिपट कर सो गए।

जब मेरी आंख खुली तो रोज़ी जा चुकी थी।
उसने मेरे लिए अपनी ब्रा पैंटी छोड़ दी और एक लेटर भी था जिसमे उसने लिखा था- मेरे प्यारे वेद ❤️ … काश मेरी शादी न तय होती तो मैं तुम्हारे साथ जिंदगी गुजरना चाहती। मैं यह दिन कभी नहीं भूलूंगी। तुम्हारे लण्ड ने मुझे अपना गुलाम बना लिया है। ऐसी चुदाई करवा कर मैं धन्य हो गई। मैं इस दिन की याद में तुम्हारे लिए अपनी ब्रा और पैंटी छोड़ रही हूँ। इनमें मेरी खुशबू है जो तुम्हें मेरी याद दिलाएगा। तुम्हारी रोज़ी।

दोस्तो, इस खत के साथ इस जवान लड़की की देसी चुदाई कहानी का भी अंत करता हूं।
ऐसी चुदाई मैंने दुबारा कभी नहीं करी।
उम्मीद करता हूं कि इस कहानी ने अपने आपका रस निकलवा दिया होगा।

अब मैं इजाजत चाहूंगा.
हमारी दुबारा मुलाकात जल्द होगी.
तब तक के लिए नमस्कार।
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