हॉट फ्रेंड हॉट कहानी में एक दिन बाज़ार में हमें मेरी बीवी की पुरानी सहेली मिल गयी. वह हामरे घर आने लगी. उसने कार सीखनी थी तो मेरी बीवी ने मुझे उसे कार सिखाने को कहा.
नमस्ते दोस्तो, मैं फिर से एक शानदार सेक्स कहानी के साथ हाज़िर हूँ.
आपको मेरी पहली सेक्स कहानी
चाय वाली राजस्थानी औरत की चुदाई- 1
अच्छी लगी थी.
और मुझे पूरी उम्मीद है कि यह हॉट फ्रेंड हॉट कहानी भी आपको उतनी ही पसंद आएगी.
कुछ दिन पहले मेरी पत्नी सना की एक स्कूल फ्रेंड निकिता (बदला हुआ नाम), हमें एक शॉपिंग मॉल में मिली.
वह अपने पति के साथ शॉपिंग करने आई थी.
जैसे ही उसने मेरी पत्नी को देखा, उसने दूर से ही उसे आवाज़ दी- अरे सना!
मेरी पत्नी ने उसकी तरफ देखा और वह भी उससे बड़े उत्साह से मिली.
मेरी पत्नी ने निकिता और उसके पति को हमारे घर डिनर के लिए बुलाया.
हमने अगले रविवार को डिनर का प्लान बना लिया.
इस मुलाकात के बाद हमारी अच्छी जान-पहचान हो गई.
धीरे-धीरे हम एक-दूसरे के घर आने-जाने लगे.
कभी-कभी हम साथ में ड्रिंक्स भी करते थे.
निकिता का पति जर्मनी में नौकरी करता था और साल में सिर्फ़ एक बार घर आता था.
इस बार उसे आए हुए एक महीना हो चुका था और कुछ ही दिनों में उसे वापस जाना था.
इसलिए हमने एक आखिरी डिनर का प्लान बनाया.
हमने एक-दूसरे के नंबर भी ले लिए थे.
मेरे पास अब निकिता का नंबर भी था लेकिन मैंने उससे कभी फोन पर बात नहीं की थी.
एक दिन मुझे वह इंस्टाग्राम पर दिखी.
मैंने उसे फॉलो किया और उसने तुरंत मुझे वापस फॉलो कर लिया.
इसके बाद हम एक-दूसरे को नॉर्मल रील्स शेयर करने लगे.
उस वक्त तक मेरे मन में उसके लिए कोई गलत विचार नहीं थे.
इधर मैं आपको निकिता के बारे में कुछ बताना चाहता हूँ.
निकिता 34 साल की है और एक खूबसूरत, भरे-पूरे हुस्न की मालकिन है.
उसका रंग ऐसा है मानो कोई रशियन लड़की हो … एकदम दूध-सा गोरा बदन और उसके बूब्स तो इतने बड़े हैं कि मानो उसके कपड़ों से ढक ही नहीं पाते हैं.
उसकी गांड भी वैसी ही भारी-भरकम है.
लेकिन मेरा कोई गलत इरादा नहीं था.
हां, कभी-कभी यह जरूर सोचता था कि कितना नसीबवाला है उसका पति, जिसे ऐसी मस्त लड़की मिली.
एक दिन मैंने इंस्टाग्राम पर एक नॉर्मल रील शेयर की.
उसने तुरंत उसका जवाब दिया.
मैंने उसे बस यूं ही मैसेज किया- हाय!
उसने भी तुरंत जवाब दिया- हाय!
मैंने पूछा- क्या कर रही हो? पति के जाने के बाद बोर तो नहीं हो रही?
उसने जवाब दिया- हां यार, घर में अकेले-अकेले बहुत बोर हो रही हूँ.
जब उसने यार लिखा, तो मैंने कहा- आज हमारे घर आ जाओ न … मेरी पत्नी के साथ बैठकर टाइमपास हो जाएगा!
उसने कहा- हां मैं तो आज वैसे भी तुम्हारे घर आने वाली थी! अभी सना (यानि मेरी पत्नी) से मेरी बात भी हुई है.
मैंने भी कहा- ठीक है आ जाओ!
शाम को करीब 8 बजे निकिता हमारे घर आई.
जैसे ही मैंने उसे देखा, मुझे यकीन ही नहीं हुआ कि यह वही निकिता है!
पहले जब भी मैं उससे मिला था, वह अपने पति के साथ होती थी और हमेशा पंजाबी ड्रेस में नज़र आती थी.
लेकिन आज वह जींस और टॉप में थी! उन कपड़ों में वह किसी हॉट स्टार से कम नहीं लग रही थी!
मैं थोड़ी देर के लिए उसके ख्यालों में खो गया.
उसके बूब्स एकदम टाइट लग रहे थे और जीन्स में उसकी गांड भी एकदम टाइट और बाहर निकली हुई थी.
कसम से मैंने अपने आपको कैसे संभाला, ये मुझे ही पता है!
फिर हम लोग बैठकर बातें करने लगे.
वह बोली- यार, जबसे नितिन (उसके पति का नाम) गया है, मेरा तो मन ही नहीं लग रहा!
सना ने उसे कहा- तू कभी भी मेरे घर आ सकती है … यहां तू बोर नहीं होगी!
मैंने भी उससे यही कहा.
वह बोली- हमने अभी एक सेकंड हैंड कार खरीदी है, तो मुझे कार सीखने के लिए कोई अच्छा सा ड्राइविंग स्कूल बताओ न!
सना ने तुरंत कहा- ड्राइविंग स्कूल क्यों जाना? ये तो तुझे राज (यानि मैं) भी सिखा देगा! मुझे भी उसने ही सिखाया है!
ये सुनकर तो मुझे लगा जैसे मेरी लॉटरी निकल पड़ी हो.
मैंने तुरंत बोल दिया- हां निकिता … मुझे कोई दिक्कत नहीं है, मैं सिखा दूँगा. उसमें कौन सी बड़ी बात है!
निकिता ने भी हामी भर दी और बोली- इससे तो मेरे पैसे भी बच जाएंगे!
हम सब हंसने लगे.
फिर निकिता ने पूछा- तुम कब से मुझे सिखाओगे?
मैंने कहा- मैं शाम को 8 बजे घर आ जाता हूँ, तो रात को खाना खाने के बाद हम साथ चलेंगे. तुझे कार भी सिखा दूँगा और मेरी ड्राइव भी हो जाएगी.
इस पर सना ने भी हामी भर दी.
अगले ही दिन सना ने मुझसे कहा- निकिता का कॉल आया था, उसने हमें उसके घर बुलाया है. वहीं उसकी कार लेकर हम चलेंगे, फिर तुम उसे कार चलाना सिखा देना.
मैंने ओके कहा और हम निकिता के घर गए.
निकिता बिल्डिंग के नीचे हमारा इंतज़ार कर रही थी.
हम लोग उसकी कार में बैठे और वहां से निकल गए.
थोड़ी दूर जाकर मैंने निकिता को ड्राइविंग सीट पर आने को कहा और मैं उसके बाजू वाली सीट पर बैठ गया.
सना पीछे बैठ गई.
निकिता को वैसे थोड़ी-बहुत कार चलानी आती थी पर उसका कार पर सही से कंट्रोल नहीं था.
ज्यादातर यू-टर्न लेने के टाइम पर और स्पीड ब्रेकर आने पर उससे कार कंट्रोल नहीं होती थी.
स्पीड ब्रेकर पर कार उछल जाती थी और कार के साथ उसके बड़े-बड़े बूब्स भी उछल जाते थे.
मेरी नजर तो उसके बूब्स पर ही रहती थी.
ऐसे ही कार सिखाते-सिखाते 2-3 दिन गुजर गए.
एक दिन सना को कुछ काम था, तो उसने मुझसे कहा- आज मैं नहीं आ पाऊंगी, तुम ही चले जाना!
मैंने झूठी नाराजगी दिखाते हुए हामी भर दी.
उसने निकिता को भी कॉल करके बता दिया.
मैं रात 9 बजे निकिता के घर पहुंच गया.
निकिता बिल्डिंग के नीचे मेरा इंतज़ार कर रही थी.
फिर हम ड्राइव पर निकल गए.
थोड़ी दूर जाकर मैंने निकिता को ड्राइविंग सीट पर आने को कहा और मैं साइड वाली सीट पर बैठ गया.
निकिता ड्राइव करने लगी. एक स्पीड ब्रेकर पर उससे कंट्रोल नहीं हुआ और गाड़ी उछल गई.
मेरा ध्यान उसके बूब्स पर ही था.
मैंने निकिता से कहा- अरे थोड़ा धीरे करो न … कितने जोर से उछल रहे हैं!
निकिता ने तुरंत पूछा- क्या उछल रहे हैं?
मैंने थोड़ा संभल कर कहा- दोनों उछल रहे हैं … हम दोनों उछल रहे हैं … मेरा मतलब कार उछल रही है.
मुझे लगा शायद निकिता को पता चल गया कि मैं उसके बूब्स की बात कर रहा हूँ.
पर उसने ज्यादा ध्यान नहीं दिया.
आज शायद उसकी ब्रा थोड़ी ढीली थी क्योंकि उसके बूब्स कुछ ज्यादा ही बड़े लग रहे थे और उछलने के बाद ऐसा लग रहा था जैसे अभी बाहर आ जाएंगे.
मैंने उससे कहा- निकिता, अभी यू-टर्न आने वाला है, कार को धीरे करना.
उसने वैसा ही किया पर टर्न सही नहीं हो रहा था.
मैंने तुरंत स्टीयरिंग संभाल लिया और घुमाने लगा.
इस दौरान मेरा हाथ अनजाने में उसके बूब्स पर लग रहा था.
निकिता का पूरा ध्यान कार पर था, इसलिए उसने कोई संकोच नहीं दिखाया.
मुझे भी मौका मिल गया और मैंने अपना हाथ वहीं रहने दिया.
जैसे-जैसे स्टीयरिंग घूमता, मेरा हाथ उसके बूब्स पर दब जाता.
ऐसा लग रहा था मानो उसके बूब्स रुई जैसे नर्म हों!
थोड़ी देर तक हाथ वहीं रखने के बाद मैंने उसे हटाया. फिर हम सीधे जाने लगे.
अचानक कार के सामने एक कुत्ता आ गया.
निकिता ने फटाफट ब्रेक लगाया.
मैंने उसे संभालने के लिए जल्दी से अपना हाथ आगे बढ़ाया, जो सीधे उसके बूब्स पर चला गया क्योंकि उसने सीट बेल्ट नहीं लगाया था.
मेरा हाथ उसके बड़े-बड़े बूब्स पर टिका और मुझे उसके निप्पलों का अहसास हुआ.
निकिता थोड़ी डर गई, उसे लगा कि कुत्ता कार के नीचे तो नहीं आ गया.
इस सब में मेरा हाथ अभी भी उसके बूब्स पर था.
फिर मैंने झट से हाथ हटाया और कहा- सॉरी!
निकिता बोली- सॉरी किस बात के लिए? तुमने तो मुझे संभालने के लिए ऐसा किया था न!
मैं ‘ओके’ कहकर मुस्कुरा दिया और थोड़ा संभल गया.
लेकिन इस सब में मेरा लंड मेरी पैंट में खड़ा हो गया था.
शायद निकिता ने भी ये देख लिया तो मैं खुद को थोड़ा एडजस्ट करके बैठ गया.
हम कार से उतरकर देखने लगे कि कहीं कुत्ता कार के नीचे तो नहीं फंस गया.
लेकिन तब तक वह भाग चुका था.
हम दोबारा कार में बैठ गए.
इस बार मैंने निकिता से कहा- सीट बेल्ट लगा लो!
पर पुरानी कार होने की वजह से सीट बेल्ट निकल नहीं रहा था.
मैंने सीट बेल्ट खींचने की कोशिश की.
इस चक्कर में मेरी पूरी बॉडी निकिता के बूब्स पर लग रही थी.
निकिता कुछ नहीं बोली, शायद उसे भी अच्छा लग रहा था.
बड़ी मुश्किल से मैंने सीट बेल्ट निकाला और उसे लॉक किया.
बेल्ट निकिता के बूब्स के बीच से गुजर रहा था, जिससे वह और दब रहे थे.
इससे निकिता थोड़ा असहज महसूस कर रही थी. उसके बूब्स और बड़े और साफ दिख रहे थे, मानो दो बड़े-बड़े संतरे हों!
निकिता बोली- ये बेल्ट मुझे चुभ रहा है!
वह उसे एडजस्ट नहीं कर पा रही थी.
उसने वापस कहा- जरा इसे ठीक करो!
मुझे तो जैसे सुनहरा मौका मिल गया.
फिर भी मैंने शराफत दिखाते हुए कहा- मैं कैसे एडजस्ट करूँ? तुम्हें ही करना होगा!
उसने फिर कोशिश की, पर बेल्ट सही नहीं हो रहा था.
वह बोली- तुम ही ठीक करो, मुझसे तो नहीं हो रहा!
मैंने ‘ओके’ कहा और बेल्ट एडजस्ट करने लगा.
इस दौरान मेरा हाथ बार-बार उसके मुलायम बूब्स पर लग रहा था.
उसे इससे कोई आपत्ति नहीं थी.
अचानक मेरा हाथ फिसलकर उसके बूब्स पर जोर से लग गया.
पर मैंने फटाफट संभल कर हाथ हटाया और बेल्ट को ठीक कर दिया.
हम लोग थोड़ा और आगे बढ़ने लगे. अंधेरा होने की वजह से कार के अन्दर कुछ साफ नहीं दिख रहा था.
मैंने इसी मौके का फायदा उठाकर अपना हाथ स्टेयरिंग पर रख दिया और उसे टर्न करना सिखाने लगा.
टर्न लेने के समय मेरे हाथ का पूरा जोर उसके बूब्स पर लग रहा था जिससे उसे कोई दिक्कत नहीं थी.
अब मैं समझ गया था कि पति न होने की वजह से अब वह चुदासी हो रही होगी तो मैंने भी हाथ नहीं हटाया और उसके बूब्स पर जोर देता रहा.
वह भी मजे ले रही थी.
थोड़ी देर बाद उसने कहा- यार राज, ये सीट बेल्ट मुझे दिक्कत दे रही है. मैं इसे निकाल देती हूँ.
मैंने भी ओके बोल दिया.
लेकिन अब बात ये थी कि सीट बेल्ट निकल नहीं रहा था. वह कोशिश कर रही थी, पर नहीं हो रहा था.
मैंने भी कोशिश की, लेकिन वह जाम हो गया था.
फिर मैंने जोर से सीट बेल्ट को खींचा तो वह उसके टॉप में अटक गया और सीट बेल्ट के साथ उसका टॉप भी सामने से फट गया, जिससे उसकी पूरी ब्रा और आधे नंगे बूब्स दिखने लगे.
इस पर वह गुस्सा होने लगी- ये तुमने क्या किया!
वह अपने हाथों से फटे हुए टॉप को अपने बूब्स पर ढकने लगी.
पर अभी भी मुझे उसके बूब्स दिख रहे थे, जो एकदम गोरे-गोरे थे.
मैंने उसे सॉरी कहा और बोला- इसमें मेरी क्या गलती है … वह बेल्ट अटक गया था!
मेरे सॉरी बोलने पर वह शांत हो गई.
वह बोली- अब घर कैसे जाऊंगी! किसी ने देख लिया तो?
मैंने कहा- तुम मेरी शर्ट पहन लो तब तक हम कुछ सोचते हैं!
मैंने अपनी शर्ट उतार कर उसे दे दी.
लेकिन उसने कहा- मैं चेंज कहां करूँगी?
तो मैंने बोला- कार के अन्दर ही कर लो! मैं कार के बाहर जाता हूँ!
उसने ओके बोल दिया और मैं कार के बाहर जाकर खड़ा हो गया.
पर मेरी नजर कार के साइड मिरर पर थी, जहां से अन्दर का नजारा साफ दिख रहा था.
थैंक्स टू स्ट्रीट लाइट!
फिर निकिता ने मेरी शर्ट पहन ली, जो उसके बूब्स पर कुछ ज्यादा ही टाइट लग रही थी.
पर जैसे-तैसे उसने एडजस्ट कर लिया.
अन्दर आते ही मैंने उसे देखा और हंसने लगा.
निकिता बोली- क्यों हंस रहे हो?
तो मैंने कहा- मेरी शर्ट तो तुम्हें बहुत टाइट हो रही है!
इस पर उसने कहा- हां यार, पर अब कर भी क्या सकते हैं!
मैंने मजाक-मजाक में बोल दिया- थोड़ा साइज कम करो न!
तो निकिता झट से बोली- अरे ये सब नितिन का ही काम है! जब देखो तब …
इतना बोलकर वह चुप हो गई.
मैंने पूछा- क्या जब देखो तब …?
तो वह बोली- कुछ नहीं … बस ऐसे ही!
मैं समझ गया और बोला- हां मैं बोलता हूँ नितिन को कि थोड़ा कम दबाया करो, बहुत बड़े हो गए हैं!
मैं हंसने लगा.
इस पर वह भी हंसने लगी.
फिर मैंने निकिता से कहा- अब मेरी शर्ट कब वापस करोगी!
इस पर वह बोली- कल घर आकर ले जाना!
मैंने भी ओके बोल दिया.
फिर हम घर आ गए.
घर की चाबी मेरे पास थी तो मैंने बिना डोरबेल बजाए दरवाजा खोला और सीधे बाथरूम में चला गया.
तब सना किचन में थी, तो वह मुझे देख नहीं पाई कि मैं सिर्फ बनियान में आया हूँ.
नहाने के बहाने बाथरूम से बाहर आ गया.
फिर हम लोग खाना खाकर सोने चले गए.
तभी मैंने निकिता को मैसेज किया- और कल कितने बजे आऊं शर्ट लेने?
उसने रिप्लाई किया- कभी भी आ जाना, मैं घर पर ही हूँ!
मैंने ओके बोल दिया और बेड पर आ गया.
मैंने निकिता के मम्मों के चक्कर में सना को दो बार चोदा भी … लेकिन तब भी रात भर निकिता के बूब्स मेरे सामने घूम रहे थे.
मैं सोच रहा था कि बूब्स इतने गोरे हैं तो निप्पल और चूत तो एकदम गुलाबी होगी!
बस इसी ख्याल में मैं सो गया.
अगले दिन संडे था तो ऑफिस नहीं था.
मैं आराम से उठा, नाश्ता किया और सना को बता कर घर से निकल गया.
मैंने सना को कहा- मैं दोस्तों के साथ हूँ!
मैं सीधा हॉट फ्रेंड हॉट निकिता के घर पहुंच गया.
जब निकिता ने दरवाजा खोला, तो मैं उसे देखता ही रह गया.
उसने एक शॉर्ट्स और ढीली टी-शर्ट पहन रखी थी.
उसने तुरंत पूछा- सना नहीं आई?
मैंने कहा- उसे क्या बताता कि मेरी शर्ट तुम्हारे पास है? वह कुछ और ही समझ लेती, इसलिए उसे नहीं बताया. तुम्हें कोई दिक्कत तो नहीं अगर मैं अकेला आया?
इस पर उसने हल्की-सी स्माइल की और बोली- ऐसी कोई बात नहीं है, तुम अन्दर आ जाओ!
मैं अन्दर गया और सोफे पर बैठ गया.
निकिता मेरे लिए पानी लेने किचन में गई.
उस वक्त पीछे से उसकी गांड ऐसे हिल रही थी मानो उसने नीचे कुछ पहना ही न हो.
ये सब देखकर मेरा लंड खड़ा होने लगा.
तो मैं उसे थोड़ा एडजस्ट करके बैठ गया.
जब निकिता पानी लेकर आई, तो पानी देते वक्त वह थोड़ा झुकी.
उसके ढीले टी-शर्ट के अन्दर से उसके बूब्स आधे दिख रहे थे.
मेरी नजर तुरंत उसके बूब्स पर चली गई और ये निकिता ने देख लिया, पर कुछ बोली नहीं.
फिर वह मेरे पास आकर बैठ गई.
मैंने उससे पूछा- कैसी लगी कल की ट्रेनिंग?
इस पर वह हंसने लगी और बोली- अच्छी थी, मजा आ गया!
हम दोनों हंसने लगे.
निकिता ने पूछा- क्या लोगे? चाय, कॉफी, जूस वगैरह?
मैंने भी बोल दिया- जो तुम पिलाना चाहो, मैं पी लूंगा!
आज मुझे कुछ कुछ अहसास होने लगा था कि ये रशियन जैसी लड़की की चुत चुदाई का मौका मिल सकता है.
दोस्तो, आपको मेरी यह हॉट फ्रेंड हॉट कहानी कैसी लगी, प्लीज जरूर बताएं.
यह भी लिखें कि मैं आपकी उत्तेजना को बढ़ाने के लिए ऐसा क्या लिखूँ जिससे आपकी टांगों के बीच रस की बाढ़ आ जाए.
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