हार्ड फक Xxx भाभी स्टोरी में मेरे पड़ोस की एक भाभी मेरी सहेली थी. एक दिन मैंने पड़ोस के दूकान वाले लड़के को उसके घर जाते देखा. वह एक घंटे बाद निकला.
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दोस्तो, कैसे हैं आप सब? मैं आप लोगों के बीच अपनी सच्ची कहानी लेकर आई हूँ।
हार्ड फक Xxx भाभी स्टोरी शुरू करने से पहले मैं आपको पहले अपने बारे में बता देती हूँ।
मेरा नाम मंजू है।
मेरी उम्र 25 साल है, हाइट 5 फुट 3 इंच है, रंग गोरा है, और मैं एक सुंदर हुस्न की मालकिन हूँ।
तीन साल पहले मेरी शादी हो चुकी है।
मेरे पति एक सरकारी जॉब में हैं।
अब मैं उन्हीं के साथ शहर में रहती हूँ।
हमारा अपना खुद का मकान है।
मेरे बगल में भी एक मकान है, वह भी सरकारी जॉब में हैं।
उनकी पत्नी का नाम रूबी है।
उसकी उम्र 30 साल है और वो भी बहुत सुंदर और आकर्षक है।
उसका एक चार साल का बेटा है।
बगल में मकान होने के कारण और धीरे-धीरे हम दोनों में अच्छी दोस्ती हो गई थी।
कुछ ही महीनों में हम दोनों काफी घुल-मिल गए थे।
एक-दूसरे के घर आना-जाना भी लगा रहता था।
हम दोनों के पति करीब 9:30 बजे ऑफिस के लिए निकल जाते थे।
उसके पति ऑफिस जाते वक्त अपने बेटे को एक बगल के प्ले स्कूल में छोड़ जाते थे।
फिर रूबी अपना काम निपटा कर 12:30 बजे अपने बच्चे को ले आती थी।
उसके बाद करीब शाम तक हम दोनों साथ रहते थे।
कभी वो हमारे घर आ जाती तो कभी हम चले जाते।
करीब पाँच-छह महीने बीते होंगे। गर्मी का महीना था।
मैं सुबह कपड़े धोकर बालकनी में सूखने के लिए डाल देती थी।
धूप तेज़ होने के कारण जल्दी सूख जाते थे।
करीब 11 बज रहे थे, मैं बालकनी से कपड़े उठा रही थी.
तभी मैंने देखा रूबी के घर के पिछले दरवाजे से कोई अंदर जा रहा था।
उसका चेहरा मैं नहीं देख पाई, वो घर के अंदर चला गया।
आखिर वो कौन हो सकता है, ये जानने की उत्सुकता में मैं उसके घर की तरफ ध्यान रखना शुरू किया।
वो आदमी करीब एक घंटे बाद घर से निकला।
निकलते वक्त उसका चेहरा सामने की तरफ था, तो मैंने पहचान लिया।
हमारी गली जो मेन रोड तक जाती थी, वहीं कॉर्नर पर उसका इलेक्ट्रॉनिक का बहुत बड़ा दुकान था। वो उसी का बेटा था।
ज़्यादातर उसका बाप ही दुकान चलाता था, बेटा कभी-कभी बैठा नज़र आता था।
उस दुकान पर ज़रूरत के हिसाब से आना-जाना लगा रहता था तो मैं उस लड़के को जानती थी।
उसकी उम्र करीब 24 साल की होगी।
वो भी हट्टा-कट्टा और स्मार्ट था।
मेरे दिमाग में शक की सुई घूमने लगी।
अब मैंने रूबी के घर पर ज़्यादा ध्यान रखना शुरू कर दिया.
और जो मेरा शक था वो सही हुआ।
करीब 10 दिनों के अंदर उस लड़के का रूबी के घर तीन बार आना हुआ।
एक दिन मैंने इस बारे में रूबी से पूछ ही लिया, “वो दुकानदार का लड़का तुम्हारे घर क्यों आता है?”
शुरू में वो सकपका गई, फिर उसने सच बताया की उस लड़के से चक्कर चल रहा है।
तो मैं बोली, “तुम्हारे पति इतने अच्छे हैं, पैसे वाले हैं, फिर उस लड़के से क्यों चक्कर चला रही हो?”
वो बोली, “पति अच्छा होना और पैसा वाला होने से सब कुछ नहीं होता! पत्नी को कुछ और भी चाहिए होता है। ऐसा नहीं है की मैं अपने पति से प्यार नहीं करती, बहुत करती हूँ, लेकिन वो मेरे जिस्म को संतुष्ट नहीं कर पाते हैं। इसलिए मैंने उस लड़के से संबंध बनाया है!”
तो मैं बोली, “मैं समझी नहीं!”
तो वो बोली, “मेरे पति का लिंग बहुत ही छोटा है और ज़्यादा देर सेक्स भी नहीं कर पाते हैं। इसलिए मैं उस लड़के से चुदवाती हूँ। वो लड़का मेरी प्यास को अच्छी तरह से बुझा देता है। मेरा उससे बस चुदवाने तक ही रिश्ता है, इसके अलावा और कुछ नहीं!”
उसने गिड़गिड़ाते हुए कहा, “मैं तुमसे हाथ जोड़ती हूँ, प्लीज़ ये बात किसी को मत बताना!”
मैं बोली, “ठीक है, नहीं बताऊँगी।”
कुछ दिन बाद मैं उससे बोली, “यार, मुझे न तुमको उससे चुदते हुए देखना है एक बार, लेकिन उसको बताना मत! दिखाओगी?”
वो तैयार हो गई, बोली, “ठीक है, कल तुम 10 बजे मेरे घर आ जाना।”
मैं ठीक समय पर उसके घर पहुँच गई।
उसने अपने बेडरूम की खिड़की जो हॉल की तरफ खुलती थी, उसको थोड़ा-सा खोल कर बोली, “जब हम दोनों कमरे में चले जाएँगे, तब तुम 10 मिनट बाद आ जाना और देख लेना।”
कुछ देर बाद उसका फ़ोन आया।
मैं दूसरे कमरे में चली गई।
वो लड़का आया और रूबी उसको लेकर अपने बेडरूम में गई।
ठीक 10 मिनट बाद मैं खिड़की के पास पहुँच गई।
खिड़की का पल्ला हल्का-सा खुला हुआ था, मगर साफ़-साफ़ दिखाई दे रहा था तो मैं वहीं से देखने लगी।
वो लड़का बेड पर लेटा हुआ था।
उसने सारे कपड़े खोल दिए थे, सिर्फ़ जांघिया को छोड़कर।
रूबी अपने कपड़े उतार ही रही थी।
पहले उसने पायजामा खोला, फिर सलवार उतारी।
अब रूबी के शरीर पर ब्रा और पैंटी थी।
वह उस लड़के की छाती के ऊपर लेट कर उसके होंठों को चूमने लगी।
वो भी पूरा साथ दे रहा था।
कुछ देर बाद उसके हाथ रूबी की पीठ पर फिरने लगे और उसने रूबी की ब्रा की हुक खोल दी।
उसने रूबी के बालों को पकड़कर उसको नीचे कर दिया और खुद ऊपर आ गया।
दोनों के होंठ अब भी एक-दूसरे से चिपके हुए थे, और वो अपने हाथ से रूबी की गोल-गोल चूचियों को बारी-बारी से मसल रहा था।
कुछ देर बाद उसने अपने मुँह को रूबी के होंठों को छोड़ चुचियों पर लगा कर पीने लगा और उसके हाथ रूबी के पेट और जाँघ पर फिरने लगे।
फिर वह अपना हाथ रूबी की पैंटी के अंदर डालकर अपनी अँगुलियों से चूत को खुजलाने लगा।
कुछ देर बाद रूबी ने उसके सिर को धक्का देकर अपनी चूत के पास ले आई।
फिर उसने रूबी की पैंटी को नीचे करने लगा तो रूबी ने भी चूतड़ उठा दिया।
पैंटी सरक कर घुटने के पास आ गई।
रूबी ने अपने पैरों की मदद से पैंटी को उतार फेंका।
अब उसकी गोरी चिकनी चूत मुझे दिखाई दे रही थी।
वो भी रूबी के चूत के फाँकों को फैला-फैला कर देख रहा था।
कुछ ही देर में उसने अपना मुँह चूत में लगा कर चूसने लगा और रूबी भी चूतड़ उठा-उठा कर चूत चुसवा रही थी।
ये सब देखते-देखते मेरी उँगली कब मेरे चूत में घुस चुकी, पता ही नहीं चला!
10 मिनट की चूत चुसाई में रूबी के चूत ने पानी छोड़ दिया।
वो हाँफने लगी।
उस लड़के ने चूत को अपनी जीभ से अच्छे से साफ़ करके रूबी के बगल में आकर लेट गया।
कुछ देर तक दोनों लेटकर एक-दूसरे को चूमते-चाटते रहे।
फिर रूबी ने अपने हाथ उसके जाँघिया के अंदर डाल कर उसके लंड को मसलने लगी।
मैं भी बड़ी बेकरार हो रही थी उसके लंड को देखने के लिए।
कुछ ही देर में रूबी ने अपने हाथों से उसके लंड को बाहर किया।
सच में उसका बहुत ही मोटा और लंबा था और उसके जैसा उसका लंड भी गोरा था।
रूबी ने जब अपने हाथों से उसके लंड को नीचे दबाया तो उसका लंड का लाल-लाल सुपाड़ा बाहर निकल गया।
उसके लंड का सुपाड़ा का ऊपर का भाग एकदम नुकीला था।
कुछ देर तक रूबी अपने हाथों से उसके लंड के साथ खेलती रही।
फिर वो उठी और अपना मुँह उसके लंड के पास ले जाकर जीभ से उसके लंड को चाटने लगी।
लंड के चारों तरफ जीभ फिरा-फिरा के उसके लंड को चाट रही थी।
फिर रूबी लंड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी।
वो ज़बरदस्ती अपने मुँह में उसके मोटे लंड को किसी अजगर के जैसे निगलने की प्रयास कर रही थी।
इसके चलते कई बार लगा कि वो उल्टी कर देगी।
ये सब के दौरान उसका लंड एकदम सख्त हो चुका था।
रूबी अपने मुँह से थूक उसके लंड पर गिरा के जोर-जोर से मूठ मार रही थी।
उसके भी मुँह से सिसकारी निकल रही थी।
कुछ देर बाद रूबी उठी और अपने पैरों को उसके शरीर के दोनों तरफ करके उसके लंड के पास बैठ गई और रूबी ने अपने हाथों से उसके लंड को पकड़कर अपनी चूत के सामने किया।
झट से उसका मोटा-तगड़ा लंड रूबी के चूत में समा कर गायब हो गया।
रूबी उसके ऊपर लेटकर उसकी छाती तो कभी उसके होंठ को चूमने लगी।
वो भी अपने दोनों हाथों से रूबी की चूचियों को मसलने लगा।
अब रूबी की कमर धीरे-धीरे आगे-पीछे हो रही थी।
फिर उसने रूबी की चूतड़ पर अपने दोनों हाथों से चटाक-चटाक मारने लगा।
रूबी ने भी तेज़ झटका देना शुरू कर दिया।
रूबी के चूतड़ लाल-लाल हो चुके थे।
रूबी ने उसके छाती पर अपने दोनों हाथ रखकर ज़ोर-ज़ोर से उसके लंड पर कूदने लगी।
पूरा कमरा थप-थप की आवाज़ से गूँज रहा था।
रूबी ज़ोर-ज़ोर से हाँफ रही थी और साथ में उसके लंड पर कूद भी रही थी।
करीब 10 मिनट में रूबी के चूत से पानी की बौछार निकली।
ऐसे लगा जैसे चूत की टोंटी टूट गई हो, झर-झर पानी चूत से बह रहा था।
रूबी थक चुकी थी, वो बेड पर चित होकर लेट गई।
कुछ देर बाद वो लड़का रूबी के करीब आया और रूबी के गालों को किस करने लगा।
फिर कुछ ही देर बाद वो लड़का उठा और रूबी के पैरों के पास अपने घुटने के बल बैठ गया।
उसने रूबी के दोनों पैरों को अपने काँधे पर रखा और अपने दोनों हाथ उसने रूबी के गर्दन के पास रखे।
इस बीच रूबी अपने हाथों से उसका लंड पकड़कर अपने चूत के छेद में सेट किया।
फिर उसने ज़ोर से धक्का मारा और पूरा लंड चूत के अंदर! फिर तो दे टपाटप लगातार रूबी के चूत को मथने लगा।
उसके लंड के रगड़ से रूबी के चूत से झाग जैसा निकल रहा था।
पाँच मिनट बाद उसने पोज़िशन बदला, रूबी को डॉगी बना कर पीछे से पेलने लगा।
उसने रूबी की चूत को रुई की तरह धुन के रख दिया था।
पाँच मिनट बाद वो पलंग से नीचे उतरा और रूबी को चित करके लिटा दिया और उसके दोनों पैरों को पकड़ कर अपनी तरफ खींचा।
Xxx भाभी रूबी बेड के एकदम किनारे पर आ गई।
फिर उसने रूबी के दोनों पैरों को मोड़कर उसके घुटनों को रूबी की छाती से सटा दिया और चूत में लंड को घुसा कर दनादन पेलाई शुरू कर दिया।
रूबी के मुँह से सिर्फ़ “आह! ऊह! आह! ऊह! उई माँ, मर गई रे!” की आवाज़ निकल रही थी।
वो लड़का भी हाँफ रहा था।
करीब पाँच मिनट बाद दोनों एक-दूसरे से ऐसे चिपक गए जैसे एक-दूसरे में समा जाना चाहते हों।
हार्ड फक Xxx करके दोनों बुरी तरह हाँफ रहे थे।
कुछ देर बाद दोनों नॉर्मल हुए तो सच में रूबी के चेहरे और आँखों में गज़ब की चमक थी।
शायद इसी को तो यौन संतुष्टि कहते थे।
उन दोनों की चुदाई के बीच मैंने अपनी चूत में उँगली कर-कर के दो-तीन बार पानी निकाल चुकी थी।
जब वो दोनों अपने कपड़े पहनने लगे, तो मैं दूसरे रूम में चली गई।
उस लड़के के जाने के बाद रूबी मेरे पास आई और पूछने लगी, “देख लिया न, कैसे चुदाई होती है?”
फिर उसका ध्यान मेरी पायजामा के तरफ गया, तो वो बोली, “तुझे क्या हुआ? पूरा पायजामा गीला हुआ पड़ा है!”
तो मैंने भी उसको अपनी परेशानी बतानी शुरू की।
मैं बोली, “जो हाल तेरा है, वही मेरा भी है! मेरे भी पति का लिंग बहुत छोटा है। उनका तो डालते ही झड़ जाता है। फिर मैं बाथरूम जाकर अपनी उँगली डाल कर पानी निकालती हूँ, तब नींद आती है। यार, मैं तुमसे हाथ जोड़ती हूँ, प्लीज़ उसे बोलो ना मुझे भी!”
मैं गिड़गिड़ाने लगी।
तब वो बोली, “चिंता मत कर! मैं उससे बात करूँगी। वो मेरी बात नहीं टालेगा। तेरी भी प्यास जल्द ही बुझेगी! परेशान मत हो!”
उसके बाद मैं अपने घर आ गई।
रात को जैसे ही सोने लगती, उसका मोटा लंड मेरी आँखों के सामने फड़फड़ाने लगता।
किसी तरह मैंने रात गुज़ारी और अगले दिन रूबी के पास जाकर पूछने लगी, “मेरे बारे में बात की उससे?”
तो वो बोली, “रुक, तेरे सामने ही करती हूँ।”
तो उसने फ़ोन लगाया और हाल-चाल पूछी।
फिर उसने मेरे बारे में ज़िक्र किया, “मेरी एक दोस्त है, शायद तुम भी उसे जानते होगे। उसके साथ मैं कई बार तुम्हारे दुकान पर गई हूँ।”
वो बोला, “हाँ-हाँ, जानता हूँ, क्या बात है?”
तो रूबी बोली, “वही मेरी वाली परेशानी! उसके भी पति उसे नहीं चोद पाते हैं। तुमसे चुदना चाहती है।”
तो वो बोला, “उसे कैसे मेरे बारे में पता है?”
तो रूबी बोली, “तुम्हें आते-जाते उसने कई बार देख लिया था, फिर मुझसे पूछी तो मैंने सब बता दिया। प्लीज़ मना मत करना मेरी खातिर!”
तब वो बोला, “तुम सब लोग मिलकर ब.च्चे की जान लोगी क्या!”
तो रूबी हँसने लगी।
थोड़ी और रिक्वेस्ट की तो वो मान गया और बोला, “जैसा मैं चाहूँगा, वैसा चुदना पड़ेगा। ये बात बोल दो अपने दोस्त को!”
तो रूबी बोली, “वो पूरी तरह तैयार है! तुम बस कब चोदोगे, ये बात दो! बेचारी उतावली हो रही है!”
तो उसने कल का समय दे दिया।
मैं फिर से पूरी रात नहीं सो पाई, उसके लंड के इंतज़ार में।
उसने अगले दिन मेरी चूत की आग को कैसे भड़काकर बुझाया, ये कहानी मैं आप लोगों को बाद में बताऊँगी।
हार्ड फक Xxx भाभी स्टोरी आपको कैसी लगी?
धन्यवाद।
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