लड़कियों की ब्रा पैंटी पहनने का मीठा अहसास

क्रॉस ड्रेस यंग बॉय कहानी में एक लड़के ने अपने मन और शरीर में चल रहे द्वंद्व को उजागर किया है. वह लड़का है पर लड़की बन कर रहना पसंद करता है.

दोस्तो, आप सभी को मेरा नमस्कार.

आज आप मेरी पहली सेक्स कहानी पढ़ रहे हैं.
क्रॉस ड्रेस यंग बॉय कहानी में अगर कोई गलती हो जाए तो पहले ही माफी मांगता हूँ.

सबसे पहले मैं बता दूँ कि मैं एक आम लड़का हूँ, बिल्कुल आप जैसा.

लेकिन कहीं न कहीं मेरे अन्दर एक लड़की भी छुपी है.
मैं नई-नई रंग-बिरंगी, डिज़ाइनर ब्रा, पैंटी और सेक्सी ड्रेस का दीवाना हूँ.

मेरे मन में एक सवाल हमेशा घूमता है कि मैं हूँ कौन?
मुझे लड़का भी अच्छा लगता है, लड़की भी. फ़ीमेल ड्रेस में मैं लड़की बनता हूँ, वरना आम लड़के जैसा हूँ.

सेक्स का मन भी लड़की के साथ करने को करता है, पर दिखने में मैं लड़का हूँ.
आप जैसे ही, डोले-शोले, स्लिम-ट्रिम, बिल्कुल आम किस्म का.

अब आप ही बताइए, मैं क्या हूँ? ये सवाल मैं आप सब पर छोड़ता हूँ!

बचपन की बातें तो याद नहीं, पता नहीं कैसी थीं.
पर जब से होश संभाला, अपने अन्दर एक अजीब-सी हरकत देखता हूँ.

खुद को लड़की मानते हुए अब मैं अपनी कहानी आपके सामने रख रहा हूँ.
ध्यान से पढ़िए और मुझे ईमेल करके बताइए कि मुझे क्या करना चाहिए!

मेरा नाम अन्नू प्रिया है. ये मैंने खुद रख लिया है.

वैसे घर में मेरा नाम लवली है. मेरी उम्र 24 साल है, हाइट 5.7 फीट और फिगर 32-28-34 का है.

मेरी छाती थोड़ी उभरी है, चूतड़ भी पीछे निकले हैं इसलिए लड़कियों वाली कोई भी सेक्सी ड्रेस पहनूँ तो बिल्कुल लड़की जैसा लगता हूँ.
रंग की बात करूं तो न गोरा हूँ, न काला … बीच का हूँ.

मेरी फैमिली भी आम इंसानों के जैसी ही है.
मम्मी-पापा, एक भाई.

बहन तो अपनी नहीं, पर चाचा-चाची साथ रहते हैं. उनकी बेटियां हैं.
यानि मेरी चार चचेरी बहनें हैं और दो भाई हैं.

सबसे बड़ी बहन पायल, उम्र 25 साल की है. फिर शिवानी 22 की, भाई राजवीर 20 का, बहन कशिश 19 की, भाई रोहन 18 का और सबसे छोटी बहन पूजा 18 की!

लवली भी अन्दर से लड़का है और लड़के का मन तो आप जानते ही हैं.

जब बहनें ही इतनी चालू हों, तो भाई तो बस मौके की तलाश में रहता है और हुआ भी ऐसा ही.
मेरी चारों बहनें दिखने में एकदम लाजवाब, टॉप माल लगती हैं.
सबकी जवानी उफान पर है!

पायल और शिवानी की जवानी तो ऐसी कि बस देखते ही बनती है.
तभी तो मैं भी लाइन में लग गया था ताकि मुझे भी मौका भी मिल जाए.

वह सब अगली सेक्स कहानी में बताऊंगा कि कैसे अनजाने में पायल बहना के साथ मेरे लंड की टोपी ने उसकी गुलाबी चूत का भोग लगाया था.

आज मेरी सेक्स कहानी पर ही रहते हैं.

मेरा बचपन कैसा रहा, मुझे ठीक-ठीक याद नहीं.
लेकिन जब से होश संभाला, तब से अपने ही घर में अपनी चचेरी बहनों के कपड़े पहनने में मुझे बहुत मज़ा आता था.

जब भी मौका मिलता, मैं मम्मी से कह देता कि मुझे पायल की ड्रेस पहननी है.
क्योंकि मेरी और उसकी उम्र लगभग बराबर थी, उसके कपड़े मुझे बिल्कुल फिट आते थे.

छोटा था, तो मम्मी भी कुछ नहीं कहती थीं.

यह बात बहुत पुरानी है.
जैसे-जैसे मैं बड़ा हुआ, मुझे लड़कों के कपड़े पहनने के लिए मिलने लगे.
इनमें एक हाफ पैंट, टी-शर्ट या शर्ट होती थी.
मैं इन्हें पहन तो लेता था, पर अन्दर से ये मुझे बिल्कुल पसंद नहीं थे.

सबके सामने पहन लेता, कोई उपाय भी तो नहीं था.
ना ही मैं किसी से कुछ कह सकता था.

हां, एक बात बता दूँ! जब मैं बड़ा हो रहा था, ये बात ना मेरी फैमिली को पता थी, ना किसी और को.
ये मेरे मन की बात थी, सिर्फ़ मैं जानता था, मैं ही समझता था!

मेरा मन अन्दर से कभी लड़के का ठीक लगता, तो कभी लड़की का.
आज भी मैं वैसा ही हूँ.

पता नहीं, कहीं न कहीं मेरे अन्दर एक लड़की बनने की फीलिंग है. लेकिन ये दूर-दूर तक मुमकिन नहीं, क्योंकि मैं लड़का हूँ. ना लड़की बन सकता हूँ, ना किसी के सामने कुछ बोल सकता हूँ.
ना फैमिली, ना समाज, ना दोस्त, ना कोई और.

दोस्त को भी नहीं बता सकता, क्या पता वह सबके सामने मेरी बेइज़्ज़ती कर दे.
ये मेरे से बर्दाश्त नहीं होगा.
मैं चाहता हूँ कि मेरी इज़्ज़त बनी रहे!

अब मैं अपनी अन्दर की कामना बताता हूँ कि मैं अन्दर से कैसा महसूस करता हूँ.

वैसे तो मैं लड़का हूँ और ये मुझे अच्छा भी लगता है, पसंद भी है.
लेकिन जब बात लड़की की ड्रेस की आती है, मेरा मन एकदम बदल जाता है.
बस ऐसा लगता है कि कब ड्रेस पहनकर तुरंत लड़की बन जाऊं!

मुझे टाइट कपड़े पहनने में और भी मज़ा आता है.

जब शरीर पर लड़की की सेक्सी ड्रेस टच होती है, उफ्फ! दोस्तो … क्या बताऊं, कैसी चमक उठता हूँ!
एक नूर-सा दिखने लगता है.

जब पैंटी गांड को टच करती है, वाह वाह! क्या बात है! अन्दर का रोम-रोम खुश हो जाता है.
ऐसा लगता है कि लवली, आज तो तू एकदम कातिल लग रही है!
ब्रा छाती पर मखमल सी लगती है … हाय लगता है मानो जन्नत में हूँ.

दिल से आवाज़ आती है, सारी दुनिया को बता दूँ कि मैं लड़की हूँ!
और कोई कुछ न कहे, सब नॉर्मल हो.

लेकिन ये कमबख्त सपने ही रह जाते हैं.

अब आप बताइए, मैं इस फीलिंग को कैसे छोड़ दूँ?

जब पायल की पैंटी-ब्रा छत पर या रूम में दिख जाती थी, तो लगता था कि सब ले लूँ और अपने पास रख लूँ और फरार हो जाऊं.

पायल, शिवानी, कशिश की ड्रेस तो मैं छुप-छुपकर बहुत पहनता था.

कभी-कभी तो पहने ही रह जाता था.
उन तीनों को पता ही नहीं चलता था कि उनके कपड़े कहां गए, मिल ही नहीं रहे!

जब भी मौका मिलता, छुप-छुपकर, या अकेले में, या जब पूरा घर खाली होता, मैं पूरी तरह लड़की की तरह सजता था!

हालांकि, एक पर्सनल बात बता दूँ दोस्तो!

शादी मुझे लड़की से ही करनी है.
सेक्स भी लड़की के साथ ही करना है.
ज़िंदगी एक मस्त, सुंदर, समझने वाली लड़की के साथ ही बितानी है.

मज़ा तो मैं लड़की को बहुत दूँगा क्योंकि मुझे इस चीज़ का रस-रस पता है कि एक लड़की को संतुष्ट कैसे करना है.
बस, साला ड्रेस के पीछे मैं खुद को रोक नहीं पाता.

मेरे अन्दर एक कमजोरी ही कह लीजिए!

ड्रेस, खासकर ब्रा-पैंटी देखते ही मन में लड्डू फूट जाते हैं!

वैसे मैं पूरी साफ-सुथरी रहने वालों में से हूँ.
मुझे गंदा रहना बिल्कुल पसंद नहीं, जैसे कुछ लोग रहते हैं.

कहीं का सामान कहीं रखा, कोई-सा भी कैसा भी ड्रेस यूज़ कर लिया.
वैसी मैं नहीं हूँ!

थोड़ा पीछे चलते हैं, बच.पन में …

हां, तो बात ये है कि पहले मैं पायल की ड्रेस पहनता था.
लेकिन अब तो मेरे खुद के कपड़े हैं.

ढेर सारी ऑनलाइन मँगाई हैं. सेक्सी टाइप, सेक्सी मैक्सी, नाइट सूट, शलवार, पैंट, शर्ट्स, साड़ी, स्कर्ट (लॉन्ग-शॉर्ट दोनों), कुर्ती, पलाज़ो, सिंगल ड्रेस.
और ब्रा-पैंटी तो पूछो मत! हर तरह की, हर डिज़ाइन, हर रंग की रखता हूँ.

पता नहीं कब, कैसा मूड हो, कैसा पहनने का मन करे!
सब ब्रांडेड – Nike, Adidas, Puma, H&M, Reebok, Zivame और बाहर के ब्रांडेड भी बहुत हैं.

बस, थोड़ी से संभालने की प्रॉब्लम होती है, पर इतना भी कठिन नहीं, मैं मैनेज कर लेता हूँ!

अब बात करते हैं ड्रेस पहनकर रेडी होने की.

मुझे क्या-क्या चाहिए? एक अच्छा-सा विग, रेड लिपस्टिक, नेल पेंट, ढेर सारी सेक्सी ब्रा, पैंटी, लेगिंग्स, पेटीकोट, साड़ी, ब्लाउज़, स्कर्ट, सूट, शलवार, कुर्ती, हील्स, पायल, कंगन, चूड़ी, रिंग, बिंदी, गले की हार, गजरा.
वैसे, शृंगार न करूँ तो भी मुझे इतना फर्क नहीं पड़ता, बस ड्रेस पूरी होनी चाहिए!

सबसे पहले स्नान, बॉडी क्लीन.
एक भी बाल नहीं, चिकना एकदम.

फिर कोई अच्छी-सी महक या परफ्यूम, जिससे जिस्म की खुशबू का अहसास हो.

फिर ब्रा पहनूँगा, फिर पैंटी और एक हाई हील्स!

प्यार से मुस्कुराते हुए, ब्रा-पैंटी में एक अलग खुशी मिलती है!
पता नहीं क्यों!

फिर सारी ड्रेस और अगर मन हुआ तो शृंगार … वरना यूँ भी चलेगा!

अब कोई मेरे सामने हो, जो मुझे अच्छे से समझे, प्यार करे … जैसे कोई दोस्त, गर्लफ्रेंड, या कॉमन दोस्त.
और मेरी बात किसी को न बताए, चाहे कुछ भी हो, जान ही क्यों न चली जाए!

मेरे मन की बात सिर्फ़ मैं और मेरा वह खास इंसान ही जाने!

ड्रेस पहनने के बाद, जब तक अकेला हूँ, बहुत खुश रहता हूँ!

रात हुई तो वैसे ही सो जाता हूँ. सुबह उठकर घर का काम करता हूँ, तो वाइफ जैसा फील आता है, जैसे मैं किसी की बीवी हूँ!

और होगी भी क्यों नहीं, खुद को लड़की जो मान लिया है न!
अगर मेरी वाइफ होती, तो रोल-प्ले करके कहता- आज तू हसबैंड, मैं तेरी वाइफ! चल, बता क्या करूँ, मेरे राजा, मेरी ज़िंदगी, मेरे प्यार का मारा, मेरी गर्लफ्रेंड!

अगर मैं किसी की बीबी होता, तो चाहता कि वह मुझे प्यार से रखे, धीरे से मेरे बाल हटाए, मेरी ब्रा की हुक को और टाइट करे, पैंटी को प्यार से सहलाए, उससे खेले, कसकर निचोड़ दे.
फिर ब्रा की हुक से खेले, उसकी बेल्ट और स्ट्रिप को ऊपर-नीचे करे, मुझे अहसास दिलाए कि हां, मैं उसकी वाइफ हूँ और वह मेरा हसबैंड!

अगर इच्छा हुई, तो केयर करते हुए सेक्स भी करें.
गांड तो चिकनी है ही, मस्त लंड गांड में सैट करके सेक्स की मनोकामना भी पूरी कर दे, जैसे हनीमून!

सॉरी दोस्तो, मैं भूल गया कि मैं घर में अकेले रहने की कहानी बता रहा था! 😘

तो हां, जब तक घर में अकेला हूँ, गर्ल्स ड्रेस में रहता हूँ. किसी दिन साड़ी में, किसी दिन शॉर्ट टी-शर्ट और लॉन्ग स्कर्ट में, किसी दिन कुर्ती-लेगिंग्स में, किसी दिन लहंगा में.
सारे ड्रेस मुझे टाइट ही अच्छे लगते हैं! हां, दर्द भी होता है.

वह एक लाइन है न कि प्यार, खुशी, फीलिंग के आगे दर्द का क्या मोल रह जाता है!
वही बात!

अगर कोई घर में आने वाला हो, तो सारी ड्रेस एक ऐसी जगह छुपा देता हूँ, जहां किसी को कभी मिल ही नहीं सकती!

आगे एक बात बताऊं…
अगर कोई प्यार करने वाला या वाली मिल जाए, तो मुझे बहुत आनन्द मिलेगा, खुशी मिलेगी. एक अन्दर की इच्छा, मन की शांति को छू लूँगा मैं!

अच्छा, अब रोजाना के नॉर्मल लुक की बात करती हूँ.
नॉर्मल पैंटी, कभी-कभी बॉयज़ लुक में बहुत पहनता हूँ, अन्दर पता नहीं चलने देता.

ठंड के दिनों में तो ब्रा, पैंटी, लेगिंग्स और कुछ ड्रेस बहुत यूज़ कर लेता हूँ. ऊपर से बॉयज़ कपड़े, फिर स्वेटर पहन लेता हूँ, इससे किसी को कुछ पता ही नहीं चलता!

तब भी बाबा, बहुत ध्यान रखना पड़ता है इन सब चीज़ों का! ज़रा-सा इधर-उधर हुआ, तो पता चल जाएगा.

खैर, जब तक कर पाऊंगा, करूँगा.
खुद को खुश रखूँगा.

अकेले हूँ तो कोई डर नहीं, खुश भी हूँ. ना किसी को पता, ना कोई टेंशन!

किसी को पता चल जाए, तो एक अजीब-सी फीलिंग आएगी. क्या पता कोई किसी को कह दे, कुछ बोल दे.
आजकल तो वैसे ही मोबाइल का ज़माना है, हाल वीडियो बन जाती है या आवाज रिकार्ड हो जाती है.

तोबा-तोबा, छोड़ो ये सब फालतू बातें!

क्योंकि किसी पर भरोसा ही नहीं होता. सब झूठे होते हैं.
इसलिए आज तक किसी से नहीं मिला, ना किसी को बताने की इच्छा हुई.

आगे मैं क्या बताऊं, फुर्सत में आगे की सेक्स कहानी दूसरे पन्ने में लिखूंगा तब तक के लिए इंतज़ार करो.

आपको क्रॉस ड्रेस यंग बॉय कहानी अच्छी लगी होगी, मुझे मेल जरूर करें. मुझे आप सब के मेल का इंतज़ार रहेगा.
तभी आगे की सेक्स स्टोरी ला पाऊंगी. कमेंट करना तो बिलकुल भी ना भूलें.

आप सभी को मेरा तरफ से बहुत बहुत धन्यवाद, प्रणाम!
आपकी सबकी प्यारी दुलारी अन्नू प्रिया उर्फ़ लवलीl
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