कुंवारी क्लासमेट बिहारन लड़की को चोदा

बिहारी सेक्स कहानी में पढ़ें कि मेरी क्लास में एक बहुत हॉट सेक्सी फिगर वाली लड़की थी. वो बिहार से थी. वो मुझसे सेट हुई और मैंने उसकी बुर की सील तोड़ी!

दोस्तो, मैं आपका प्यारा डेविड अपने सभी पाठकों का स्वागत करता हूँ.
मैं उम्मीद करता हूँ कि आपको मेरी कहानी बहुत पसंद आएगी.

ये बिहारी सेक्स कहानी मेरी और मेरी क्लास की लड़की के बीच के सेक्स की है.

ये दो महीने पहले की बात है. एग्जाम शुरू हो गए थे.

एक बेंच पर दो स्टूडेंट्स के बैठने की व्यवस्था की गई थी.

नसीब से मेरे बगल में एक बहुत ही हॉट और सेक्सी फिगर वाली लड़की बैठी थी. उसका नाम चंचल था और वो बिहार से थी.

उसकी चूचियां ऐसी थीं जैसे मानो पर्वत की चट्टान की तरह हों.
देखने में एकदम कड़क और ठोस ऐसी लगती थीं जैसे किसी ने उनको अभी तक छुआ भी ना हो.

उसकी गांड की तो पूरी क्लास दीवानी थी.
और दीवानी हो भी क्यों ना … वो सांवली सूरत वाली और एकदम कड़क माल थी.
जो भी उसकी गांड एक बार देख भर ले, तो लंड सलामी देने लग जाए.

चंचल मुझे देखती तो थी मगर मेरी गांड फटती थी कि कहीं साली भड़क न जाए.

वो दरअसल एक बड़े अधिकारी की लड़की थी और काफी मॉडर्न ख्यालात वाली लड़की थी.

चूंकि मैं पढ़ाई में काफी तेज था जिसकी वजह से मुझे सभी टीचर्स पसंद करते थे.
मेरी इस योग्यता से शायद चंचल भी प्रभावित थी.

उस दिन टीचर ने पेपर बांट दिया और सभी पेपर हल करने लगे.

एक घंटे में मेरा पेपर हो गया.
मैं फुर्सत था तो उसकी गांड को देख रहा था.

तभी अचानक उसने अपने बालों को अपने हाथ से जोर से झटका, तो वो मेरे चेहरे को स्पर्श कर गए.

आह मुझे तो मानो ऐसा लगा जैसे उन बालों में उसके जिस्म की खुशबू आ रही थी और वो मुझे अपने यौवन का रस पिलाने का न्यौता दे रही हो.

तभी मैंने टीचर से टॉयलेट जाने की इजाजत ली और टॉयलेट मैं अपने लंड को सहलाने लगा.
उधर चंचल की याद में मैं लंड जोर जोर से हिलाने लगा.

कुछ ही देर में मैंने लंड हिला कर रस छोड़ा और पैंट बंद करके बाहर आ गया.
फिर मैं अपनी सीट पर आकर बैठ गया.

मैंने हल्के से खांसा, उसी समय उसने मेरी तरफ देखा तो मैंने धीरे से उसको आई लव यू बोल दिया.
वो मुस्कुरा दी.

तभी मैंने कहा- एग्जाम के बाद कैंटीन पर मिलते हैं.
उसने होंठों पर हल्की सी स्माइल देते हुए हां में सर हिला दिया.

फिर मैंने मेम से कॉपी जमा करने की पूछी तो उन्होंने हामी भर दी.
मैंने कॉपी जमा की और एक बार उसकी तरफ देख कर आंख मारी और मैं कैंटीन पर उसका इंतज़ार करने लगा.

कुछ देर बाद वो मुझे दूर से ही आती दिख गयी.
मैंने दो कॉफ़ी आर्डर कर दी.

उसके आते ही मैंने उसको बैठने के लिए बोला.
वो इधर उधर देखती हुई बैठ गयी.

मैंने उसकी तरफ देखने लगा.
वो अपने पर्स में कुछ खोजने का बहाना करती हुई धीमी आवाज में बोली- ऐसे क्या देख रहे हो?
मैंने कहा- ज़न्नत.
वो मुस्कुरा दी.

उसी समय कॉफ़ी आ गयी.
कॉफ़ी पीते पीते मैंने उससे कहा- तुम्हारे लिए एक सरप्राइज है और वो सीक्रेट है. शाम को होटल में मिलते हैं.
वो बोली- क्या सरप्राइज है और ऐसे बार बार मुझे बुलाने के बहाने बंद करो.

मैंने कहा- वो बहाने तो तब ही बंद होंगे जब तुम परमानेंट मेरे पास आ जाओगी.
वो बोली- अच्छा इतनी आगे की सोच कर बैठे हो? क्या बात है.

मैंने कहा- मैंने तो न जाने क्या क्या सोच लिया है मैडम … बस आप साथ तो दो.
वो आखें नचाती हुई बोली- एकाध सपना मुझे भी सुनाओ कि क्या क्या सोचा है!

मैंने कहा- चलो शाम को आओ फिर सब बता दूंगा.
वो बोली- अगर मैं न आऊं तो!

मैंने कहा- तो दूसरे दिन अखबार में खबर पढ़ने को मिल जाएगी.
वो बोली- और वो क्या खबर होगी?

मैंने कहा- एक प्रेमी ने प्रेमिका की नापसंदगी के बाद पेड़ पर लटक कर आत्महत्या की.
वो एकदम से मेरे मुँह पर हाथ रख कर बोली- चुप पागल.

मैंने कहा- हां मैं पागल हो गया हूँ.
वो बोली- मैं इस पागल से मिलने जरूर आऊंगी. मगर कमरे में मिलूंगी. रेस्तरां में नहीं.

मैंने हामी भर दी.
उसने पूछा- कौन से होटल में आना है?

मैंने होटल का नाम बताते हुए कहा- समय लेकर आना … जाने की जल्दी मत मचाना.
वो सरगोशी से मेरे पास झुक कर बोली- कमरे में मिलने की बात कही है. मैं पूरा समय लेकर आऊंगी. कहो तो सारी रात के लिए आ जाऊं?

मैंने कहा- मुझे तुम्हारे साथ रात बिताने में और भी अच्छा लगेगा.
वो बोली- चलो देखती हूँ घर पर भी गोली देनी पड़ेगी कि सारी रात किस सहेली के साथ रहने वाली हूँ.

मैं हंस दिया और वो आंख दबा कर उठ गई.
इसके बाद वो चली गई और मैं भी अपने घर आ गया.

मैं बहुत खुश था.

फिर जैसे ही शाम हुयी, मैं तय शुदा होटल में पहुंच गया.
मैंने मैनेजर को एक कमरे में फूल और गुब्बारे लगाने को बोल दिया था.

होटल में मैंने मैनेजर से पूछा, तो मालूम हुआ कि कमरा एकदम रेडी है.

मैंने उससे कमरे की चाबी भी ले ली और चंचल के आने का इंतज़ार करने लगा.

तभी वो एक ऑटो से नीचे उतरी और होटल की लॉबी में आ गई.

मैंने कमरे की तरफ बढ़ना शुरू कर दिया.
आगे सुनसान था तो मैंने उसका हाथ पकड़ा.
वो शायद इसी इन्तजार में थी.

वो एकदम से मेरे गले से लग गयी.
उसकी चूचियां मेरे सीने से दब रही थीं मेरा लंड खड़ा हो गया.
उसकी गांड पर मैंने हाथ रख दिया और गांड की सख्ती देख कर मेरी हालत खराब हो गयी थी.

वो बहुत ही सुन्दर लग रही थी. उसने लाल रंग का टॉप और ब्लैक कलर की टाइट जींस पहन रखी थी.

अब मैं उसको कमरे की तरफ ले जाने लगा.

मैंने उससे कहा- जब तक मैं तुमसे आंखें खोलने की ना बोलूं, तुम आंखें मत खोलना.
वो ओके कह कर मेरी तरफ देखने लगी.

मैंने उसको रूम में अन्दर ले जाकर खड़ा कर दिया और एक गुलाब का फूल लेकर उसके सामने घुटनों पर बैठ कर प्रपोज़ कर दिया.
उसने आंखें खोल दीं और कमरा देख कर खुश हो गई.

मैंने उसे आई लव यू बोला.
उसने भी आई लव यू टू बोला.

मैंने उसको बैठने के लिए बोला और पूछा- क्या लोगी?
उसने कहा- आज मेरा मन वोडका पीने का कर रहा है.

मैंने उसके लिए वोडका और अपने लिए बियर मंगा ली.
मैं उसके लिए वोडका का पैग बनाने लगा.
फिर अपनी बियर को मग में डाला और चियर्स बोल कर हम दोनों ने सिप लेना शुरू कर दिया.

एक पैग हलक के नीचे उतार कर वो खुद अपना पैग बनाने लगी.

मैंने उससे पूछा- तुम्हारे इतने सेक्सी फिगर का क्या राज है?
वो हंस दी.

मैंने उसको पैग उठा कर दिया और वो पीने लगी.
उसके गुलाबी होंठ ऐसे लग रहे थे जैसे वोडका डालते ही उनकी चमक और बढ़ गयी हो.

वो अब थोड़े नशे में आ गई थी.

मैंने उससे किस करने के लिए बोला तो उसने हां बोल दी.

मैं उसको किस करने लगा और धीरे धीरे अपनी उंगलियां उसके बालों में फिराने लगा, उसके बालों को सहलाने लगा.

लगातार किस करने से वो गर्म हो गयी थी और वो भी उत्तर देने के लिए तैयार थी.

उसने भी मेरे होंठों को किस किया.
फिर हम दोनों ने एक दूसरे के मुँह में जीभ डाल दीं और मजा लेने लगे.

जीभ चूसने से हम दोनों की वासना भड़क उठी और उसी पल मैंने उसके मम्मों पर अपना हाथ डाल दिया.
उसने कुछ नहीं कहा तो मैं धीरे धीरे उसके दूध सहलाने लगा.
वो भी मेरे बालों को सहलाने लगी.

तभी मैंने उसके रेड कलर के टॉप को निकाल दिया और उसकी ब्लैक कलर की ब्रा के ऊपर से ही उसके बूब्स को किस करने लगा.

कुछ देर बाद मैंने उसके बड़े बड़े कबूतरों को उसकी टाइट ब्रा से आजाद कर दिया और उनका रस निचोड़ने लगा.
उसकी चूचियों के गुलाबी निप्पलों को जीभ से सहलाने लगा.

उसका फिगर साइज लगभग 32-28-34 का रहा होगा.
मेरी हरकतों से उसकी धड़कनें तेज तेज चलने लगीं.

धीरे धीरे मादक आवाजों से कमरा गूँज रहा था.

फिर मैं उसकी नाभि को लगातार किस करने लगा.
वो सिहर उठी.

तभी मैंने उसकी जींस को निकाल दिया और अपने कपड़े भी निकाल दिए.

वो अब मेरे सामने बस एक ब्लैक कलर की पैंटी में थी और वासना से तड़प रही थी, कांप रही थी.
नशे में उसका चेहरा लाल हो गया था.
आंखों में सेक्स की खुमारी साफ़ दिख रही थी.

तभी मैंने वहां रखे गुलाब के फूल को उठाया और उसको उसकी पैंटी के ऊपर से ही चूत को फूल से सहलाने लगा.

इससे उसकी तड़पन और बढ़ रही थी; चूत गीली हो गयी थी.

उसने मुझे आंखों से देखा तो मैं समझ गया कि इसका छेद देखने का समय आ गया है.

मैंने उसकी पैंटी की इलास्टिक में उंगलियां फंसा दीं तो उसने अपनी गांड उठा दी.
एक झटके से मैंने उसकी पैंटी को उतार दिया और झुक कर उसकी चूत की महक लेने लगा.

मैंने एक लम्बी सांस ली और फिर से उसकी गुलाबी चूत पर फूल को घुमाने लगा.

तभी अचानक उसकी चूत से पानी निकलने लगा और मैं अपनी जीभ से उसकी चूत को साफ़ करने लगा.

इससे वो एकदम से गर्मा गई और घूम गई.
मैंने उसे 69 में आते देखा तो अपना लंड उसके मुँह में डाल दिया.

वो लंड को चूसने लगी.
उसकी गर्म भाम्प मेरे लंड को बहुत ज्यादा आनन्द दे रही थी.

मैं भी उसकी चूत के दाने को अपनी गरम जीभ से सहलाने लगा और वो एकदम से तड़प उठी.
उसका हाथ मेरे लंड पर चलने लगा, मेरी गोटियों को वो मुँह से चूसने लगी.

मैंने अपनी पोजीशन सैट की और अपना लंड उसकी कुंवारी चूत में पेल दिया.

लंड पेलते ही उसके मुँह से इतनी तेज आवाज निकली कि मैं घबरा गया.
मैंने जल्दी से उसके मुँह पर अपना मुँह रख दिया और उसे किस करने लगा.

कुछ पल बाद मैंने उसकी चूत में एक और तेज झटका लगा दिया.
इस बार मेरा पूरा लंड उसकी चूत में पेवस्त हो गया था.

उसकी चूत की सील टूट चुकी थी., चूत से खून निकलने लगा और वो अचानक से ये देख कर डर गयी.
मैंने उसको समझाया कि ये कौमार्य झिल्ली टूटने की निशानी है.

वो समझ गई और मेरे सीने से लग गई.

मैं उसको तेज तेज झटके देते हुए चोदने लगा.
करीब सात आठ मिनट बाद वो झड़ गयी.

मैं लगा रहा.
फिर कुछ देर बाद मैं भी उसकी चूत में ही झड़ गया.

एक बार की चुदाई से ही हम दोनों काफी थक गए थे.
वो बोली- जान मैं न जाने कबसे तुमसे सेक्स करना चाह रही थी.

मैंने कहा- कभी इशारा तो दिया होता.
वो बोली- हां मैं इशारा न कर सकी लेकिन तुमने भी तो कभी मुझे कुछ नहीं कहा.
मैंने हंस कर उसे अपने सीने से लगा लिया.

इसी प्रकार हमने 2 बार सेक्स किया और मैंने उसको भरपूर खुश किया. मुझे भी बिहारी लड़की से सेक्स में बहुत मजा आया.

दोस्तो, कैसी लगी मेरी ये बिहारी सेक्स कहानी. मुझे मेरी मेल आईडी पर जरूर बताएं.
धन्यवाद.
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