पावर हाउस में पड़ोस वाली दीदी को चोदा

चूत की चुदाई फ्री हिंदी कहानी में मैंने पड़ोस में रहने वाली तलाकशुदा दीदी को किसी अंकल के साथ होटल में जाती देखा तो मैं समझ गया कि वे अपनी अन्तर्वासना पूर्ति के लिए जा रही हैं.

दोस्तो, ये मेरी पहली सेक्स कहानी है.
मेरी पड़ोस की शादीशुदा रिया दीदी की चुदाई की चूत की चुदाई फ्री हिंदी कहानी लिख रहा हूँ.

उन्हें मैं रिया दीदी इसलिए लिख रहा हूँ क्योंकि वे उम्र में मुझसे बड़ी हैं.
उनके पति ने उनको तलाक दे दिया है.

एक दिन मैंने जब दीदी को किसी दूसरे अंकल के साथ एक ओयो होटल में जाते देखा तो मुझे समझ आ गया कि इनको मर्द की जरूरत है.

अब मैंने भी सोच लिया कि मैं भी दीदी को चोदूँगा.
बस अब मैंने उनसे बात करना शुरू कर दिया.

दीदी की घर में वे और उनकी मॉम ही थीं बस, तो उनसे बात करने में कोई समस्या नहीं थी.

इधर मैं आपको दीदी के हुस्न के बारे में कुछ बता देता हूँ.
उनके बूब्स क्या कमाल के और बड़े-बड़े हैं, क्या ही बताऊं यार … उन्हें देख कर मेरा तो मन करता है कि पूरे दिन उनके बूब्स चूसता रहूँ.

अब हम दोनों के बीच काफी बातचीत होने लगी थी.

एक रात की बात है, बारिश हो रही थी.
तभी अचानक से दीदी के घर की लाइट चली गई.

उनकी मॉम ने मुझे कॉल करके बोला- बेटा, पता नहीं कैसे हमारे घर की बिजली चली गई है. तुम प्लीज आकर लाइट ठीक कर दो हमारी!
मैं उनके घर लाइट ठीक करने चला गया.

वहां जाकर देखा तो दीदी लाल रंग की बड़ी मस्त नाइटी में थीं.
जो नाइटी उन्होंने पहनी हुई थी वह बहुत ही ज्यादा टाइट थी.
उस नाइटी में से दीदी के बूब्स एकदम साफ नुमायां हो रहे थे और नाइटी के गहरे गले से बाहर आने को मचलते हुए दिख रहे थे.

मैं दीदी को देखता ही रह गया.

तभी साइड से आवाज आई- तरुण बेटा, सबकी लाइट आ रही है, बस हमारी नहीं जल रही है … जरा सही से देख लो बेटा.
मैंने कहा- ठीक है आंटी!

मैंने उनके घर के मेन स्विच की तारों को देखा, वे सब मुझे सही लगे. मैंने सोचा कि कॉलोनी के पावरहाउस में जाकर देख लेता हूँ कहीं उधर से डीपी से ही दीदी के घर की सप्लाई बंद न हो.
जब मैंने यह कहा तो आंटी बोलीं- बेटा तुमको ही जाना पड़ेगा … आज शायद उधर का बंदा भी नहीं है.

मैं कुछ सोचने लगा.
मुझे दीदी के साथ सेक्स करने का सही मौका समझ आ रहा था.

मैंने दीदी की तरफ देखा तो वे भी मुस्कुरा रही थीं.
उनकी मुस्कान मुझे कुछ अर्थपूर्ण लगी.

तभी आंटी ने बोला- रिया, तुम तरुण के साथ चली जाओ और उसको टॉर्च से लाइट दिखा देना, वह लाइट ठीक करेगा!
अब हम दोनों साथ में उस तरफ को चल दिए जिधर पावरहाउस था.

उनके घर के पीछे की तरफ पावरहाउस था.

वहां पर कोई ज्यादा आता-जाता नहीं था और उधर तक जाने में एक खुला रास्ता भी पार करना था.
उस खुले रास्ते पर जाने की वजह से हम दोनों ही तेज बारिश में गीले हो गए थे.

भीगने से दीदी के बूब्स और भी ज्यादा साफ-साफ दिखने लगे थे.
मैं पावरहाउस में जाकर रिया दीदी के घर वाली डीपी वाली वायर्स को देखने लगा.

रिया दीदी बोलीं- तरुण, तुमसे हो जाएगा न?
‘हां दीदी बस आप मुझे एक मौका तो दो, मैं सब ओके कर दूँगा.

जब मैंने यह दो अर्थी वाक्य बोला, तो दीदी थोड़ी सी शर्मा गईं और उन्होंने ‘ओके’ में सिर हिला दिया.
मैंने डीपी की एमसीबी उठाई तो लाइट ठीक हो गई.

मैंने दीदी से कहा- मॉम से पूछो कि बिजली आ गई या नहीं.
उन्होंने मॉम से पूछा तो वे बोलीं- हां लाइट आ गई है.

दीदी ने फोन कट कर दिया.
इतने में बारिश और तेज हो गई थी.

रिया दीदी बोलीं- अभी यहीं पर ही रुकते हैं, बारिश तेज है!
मैं खुद भी उनके साथ अकेले में रहना चाहता था.

हम दोनों ने बात करना शुरू कर दिया.
मैंने बातों ही बातों में पूछ लिया कि उस दिन आप ओयो क्यों गई थीं और आपके साथ वे अंकल कौन थे?

रिया दीदी बोलीं- तुमको कैसे पता चला और तुम वहां क्या कर रहे थे?
मैंने कहा कि मैं कॉलेज से आ रहा था.

जबकि उस दिन मैं खुद अपनी जीएफ के साथ उसी ओयो में ही गया था.
उसकी सेक्स कहानी मैं कभी बाद में लिख कर बताऊंगा.

दीदी बोलीं- अरे वे अंकल मेरे ऑफिस में मेरे बॉस हैं और हमारी मीटिंग थी उस होटल में!

मैं हंसते हुए बोला- हां, ओयो में मीटिंग अच्छी होती है!
इस बार वे भी हंस दीं और बोलीं- तुमको सब पता है ओयो के बारे में!

हम दोनों बारिश में गीले भी थे और पावरहाउस में सिक्योरिटी वाले भैया का रूम भी था पर वह आज आया नहीं था.
शायद बारिश के कारण उसने छुट्टी की हुई थी.

कमरे में उसी के बेड पर हम दोनों बैठ कर बातें करने लगे.

रिया दीदी बोलीं- चाय पियोगे?
मैं बोला- आपके हाथों से तो ज़हर भी पी सकता हूँ, तो चाय क्या चीज़ है … पर दूध कहां है?

वे सीना तानती हुई बोलीं- मेरे पास सब है!
मैंने उनके दूध देखते हुए कहा- हां, वह तो दिख रहा है!

वे फिर से हंस दीं और बोलीं- आज कुछ ज्यादा ही फास्ट हो रहे हो!
‘अब क्या करें, आप जैसी मेरी नसीब में तो होगी नहीं!’

‘क्यों नहीं होगी? जरूर होगी बल्कि मुझसे भी ज्यादा हॉट तो तुम्हारी कोई जीएफ ही होगी न!’
‘नहीं है यार दीदी!’

तो वे बोली- हम्म …तो वह लड़की क्या कर रही थी उस दिन तुम्हारे साथ ओयो में?
उनके मुँह से यह सुनकर मैं थोड़ा डर गया और बोला- कौन सी लड़की?

दीदी बोलीं- जब तुम ओयो से बाहर आ रहे थे, तब मैंने भी तुमको देख लिया था. अच्छी लड़की है वैसे, वह दिख भी अच्छी रही थी!

‘नहीं यार रिया दीदी … आपसे अच्छी नहीं है यार!’
‘क्यों नहीं है?’

मैंने भी डरते-डरते बोल दिया- अरे, उसके आपके जितने बड़े बूब्स नहीं हैं न!
वे हंसती हुई बोलीं- तो कर दो न उसके भी बड़े बड़े!

‘नहीं करने देती वह!’
‘अरे, तुमको करना नहीं आता होगा, मैं सिखाती हूँ तुमको!’

ऐसा बोल कर दीदी ने मेरा हाथ अपने बूब्स पर रख दिए.
मुझे ग्रीन सिग्नल मिल गया और मैं जोर-जोर से दीदी के बूब्स दबाने लगा.

फिर इतने में ही दीदी की मॉम का कॉल आ गया.
दीदी ने कॉल उठाया और बात करने लगीं- हां मॉम!

‘बेटा, कहां हो तुम? इतना टाइम हो गया!’ ‘मॉम, मैं तरुण के घर आ गई हूँ … तुम सो जाओ, मैं आती हूँ!’
मॉम ने कहा- ठीक है, जल्दी आ जाना!

मैं अभी भी दीदी के बूब्स से खेल रहा था और जोर-जोर से दबा रहा था.
इतने में ही वे बोलीं- रुको जरा गेट तो लगा दूँ, नहीं तो किसी ने देख लिया तो उसको भी सिखाना पड़ेगा कि कैसे दबाते हैं बूब्स को!

मैं बोला- रहने दो दीदी, आप तो हर किसी को सिखाने में पारंगत हो!

दीदी नहीं मानीं और उन्होंने उठ कर गेट बंद कर दिया.
वे मेरे पास आ गईं.

मैं फिर से दीदी के मम्मों के साथ खेलने लगा.
अब चूंकि गेट बंद था तो मैंने दीदी की नाइटी उतार दी.

उनको ब्रा और पैंटी में देख कर मैं पागल हो गया.

‘क्या कमाल का माल हो यार आप!’
यह बोल कर मैंने उनको किस करना शुरू कर दिया.

कुछ मिनट तक किस किया.
फिर मैंने दीदी की ब्रा और पैंटी दोनों उतार दीं.
अब वे पूरी नंगी थीं.

क्या माल लग रही थीं.
फिर दीदी ने भी मेरे कपड़े उतार दिए और मेरा लंड हाथ में पकड़ लिया.

लौड़े को सहलाने के बाद उसे अपने मुँह में लेकर अन्दर-बाहर करना शुरू कर दिया.
मैं तो लंड चुसवाने से मानो सातवें आसमान पर आ गया था.

‘ओह रिया ओह रिया … मस्त चूसती हो यार … आह अब 69 करते हैं न!’
दीदी ने ओके कहा और वे 69 की पोजीशन में आ गईं.

हम दोनों करीब दस मिनट तक एक दूसरे के लंड चुत को चूस कर मजा देते लेते रहे.
फिर मैं उनके मुँह में झड़ गया.

उन्होंने भी मेरा पूरा माल पी लिया.
इतनी देर में दीदी दो बार झड़ चुकी थीं.
मैंने भी दोनों बार उनका माल पी लिया था.

कुछ देर तक हम दोनों किस करते रहे.
इतने में मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया.

रिया दीदी बोलीं- तरुण, प्लीज अब और मत तड़पाओ … मेरी इस चूत को चोद दो … मेरी नीचे वाली गुफा में तुम अपना लंड घुसेड़ दो यार!
मैंने दीदी को बेड पर चित लिटाया और उनकी चूत पर लंड सैट कर दिया.

फिर एक जोर का धक्का दिया, तो मेरा पूरा लंड उनकी प्यासी चुत में अन्दर चला गया.
दीदी की चीख निकल गई- उई माँ … तेरा बहुत बड़ा है साले … आह धीरे धीरे चोदो आह.

मैं धकापेल चुदाई में लगा रहा.

कुछ ही देर बाद दीदी मस्ती में सिसकारती हुई कह रही थीं- आह्ह … मुझे रोज़ ऐसे शांत किया कर … मैं तेरे लंड से ऐसे ही चुदा करूँगी … आई लव यू!

मैं भी जोर-जोर से चूत में लंड दे रहा था.
करीब 20 मिनट तक चुत चोदने के बाद मैं दीदी की चूत में झड़ गया.

‘आह शिट यार … मेरी चूत में माल क्यों डाल दिया? अगर मैं प्रेग्नेंट हो गई तो?’
मैंने बोला- अब तो आप मेरे बच्चे की माँ बन ही जाओ दीदी!

दीदी बोलीं- अभी नहीं!
मैंने भी कुछ नहीं बोला और बूब्स पीना शुरू कर दिया.

कुछ देर बाद रिया दीदी फिर से गर्म हो गईं.
‘एक बार और करते हैं तरुण!’

रिया दी ने बोला तो मैंने ‘ओके’ कहा और वापस लंड सहलाने लगा.
मैंने रिया दीदी को जांघें चौड़ी करने को कहा.

उन्होंने अपने पैर दाएं-बाएं फैला कर अपनी जांघें खोल दीं और मेरे लंड को पकड़ कर उसका टोपा अपनी चूत के छेद में सैट कर लिया.
उन्होंने नीचे से अपने चूतड़ उचकाए कि लंड अन्दर घुस जाए लेकिन ऐसे कैसे लंड अन्दर घुस जाता.

जब मैंने ऊपर से एक झटका अन्दर को मारा तो दीदी की गीली चूत में मेरा लंड ऐसे घुस गया, जैसे मक्खन में गर्म छुरी.
रिया दीदी के मुख से निकला- उम्म्ह … अहह … हय … ओह!

बस इसके बाद रिया दीदी की चूत की दमदार चुदाई शुरू हो गई.

उस रात मैंने उनको 4 बार चोदा, पूरी रात नंगी रखा और हम दोनों उधर ही सो गए.
इसकी बाकी की सेक्स कहानी अगली बार बताऊंगा.

तो दोस्तो, ये थी मेरी और रिया की सेक्स कहानी.

अगली कहानी में मैं बताऊंगा कि कैसे मैंने रिया की मॉम को भी चोदा.
आप मेरी चूत की चुदाई फ्री हिंदी कहानी के बारे में अपनी राय मुझे नीचे दी गई मेरी ईमेल पर भेजते रहें.
[email protected]